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Friday, 22 November, 2024
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पाकिस्तान के पंजाब उपचुनावों में इमरान खान ने शहबाज शरीफ को किया ‘क्लीन स्वीप’, PMLN ने मानी हार

शरीफ परिवार की सत्तारूढ़ पीएमएल-एन ने अपनी हार स्वीकार कर ली है और यहां तक ​​कि उपचुनावों में 'भारी जीत' के लिए पीटीआई अध्यक्ष खान को बधाई भी दी है.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के पंजाब में एसेंबली उपचुनावों में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) द्वारा 20 प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों में बहुमत से बढ़त लेने के बाद हार मान ली है.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पीटीआई ने रविवार को पंजाब के एसेंबली उपचुनावों में वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को करारा झटका देते हुए ‘क्लीन स्वीप’ कर दिया.

हार को स्वीकार करते हुए मरियम ने कहा कि हार को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए. जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार मरियम ने कहा, ‘पीएमएल-एन को उपचुनाव के नतीजों को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए और जनता के फैसले को स्वागत करना चाहिए.’

मरियम ने कहा कि जीत और हार राजनीति का हिस्सा हैं इसलिए पार्टी को अब अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना चाहिए. कमियों को पहचानना चाहिए और फिर उन्हें दूर करना चाहिए. ख़ुदा की मर्जी, सब ठीक हो जाएगा.’

इमरान खान को अप्रैल में अपदस्थ किए जाने के बाद से उनकी पीटीआई और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के बीच यह पहला प्रमुख चुनावी मुकाबला था.


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शहबाज के बेटे का जा सकता है पद

शहबाज़ के बेटे और पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज अपना पद खोने वाले हैं.

मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर होगा और पीटीआई-पीएमएलक्यू के संयुक्त उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही के राजनीतिक रूप से अहम प्रांत पंजाब के नए मुख्यमंत्री बनने की संभावना है.

अब तक के अनाधिकारिक नतीजों के मुताबिक इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने 17 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज को सिर्फ तीन सीटों पर जीत मिली है. एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी जीत हासिल की है.

शरीफ परिवार की सत्तारूढ़ पीएमएल-एन ने अपनी हार स्वीकार कर ली है और यहां तक ​​कि उपचुनावों में ‘भारी जीत’ के लिए पीटीआई अध्यक्ष खान को बधाई भी दी है.

प्रधानमंत्री के प्रवक्ता मलिक अहमद खान ने कहा, ‘हम लोगों के जनादेश का सम्मान करते हैं. अब हम पीटीआई-पीएमएलक्यू से पंजाब में सरकार बनाने को कहते हैं.’

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री शहबाज जल्दी आम चुनाव कराने के लिए नेशनल असेंबली को भंग कर देंगे, उन्होंने कहा, ‘पीएमएल-एन नेतृत्व अपने सहयोगियों के परामर्श से इस बारे में फैसला करेगा.’

पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ की बेटी ने एक ट्वीट में कहा, ‘हमें अपनी हार को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए.’

खान ने एक ट्वीट में कहा, ‘तहरीक-ए-इंसाफ कम से कम 15 सीटें जीत रही है लेकिन सभी मतदान केंद्रों पर ड्यूटी पर तैनात हमारे सभी लोगों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे रिटर्निंग अधिकारियों से आधिकारिक परिणाम प्राप्त होने तक अपनी जगह न छोड़ें.’

खान की पार्टी के वरिष्ठ नेता असद उमर ने कहा कि खान सोमवार को कोर समिति की बैठक के बाद पार्टी की रणनीति की घोषणा करेंगे.

उन्होंने कहा कि अब पीएमएल-एन के पास सिर्फ एक ही विकल्प बचा है और वह है ‘तुरंत नए आम चुनाव का आह्वान करना.’

‘विशाल गठबंधन’ की हार

खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पीएम शहबाज शरीफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज, पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट जैसे प्रमुख नेताओं के इस बड़े गठबंधन की सूबे में करारी हार होगी.

केवल 2 सीटें हैं जहां पीएलएम-एन आगे है और 1 सीट निर्दलीय के लिए है. पंजाब अप्रैल तक पीटीआई पार्टी के नियंत्रण में था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री सरदार उस्मान बुजदार ने इमरान खान के खिलाफ संघीय संसद द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लेने के बाद इस्तीफा दे दिया था.

इमरान खान ने तब पार्टी के निर्देश के खिलाफ अवैध रूप से मतदान करने और राज्य विधानसभा के सांसदों को हटाने के लिए पाकिस्तान के चुनाव आयोग में याचिका दायर की. जिसकी वजह से 20 सीटें खाली रह गईं थी.

पंजाब में यह एक कड़ा मुकाबला होगा क्योंकि शरीफ की पार्टी के पास वर्तमान में 165 सीटें हैं जबकि पीटीआई के पास 163 सीटें हैं. शरीफ गठबंधन के सदस्यों के साथ विधानसभा में काबिज हैं.

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने 23 मई को पीटीआई के 25 असंतुष्ट सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया था, जिनमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों पर चुने गए पांच सदस्य शामिल हैं। यह कार्रवाई खान की याचिका पर की गयी थी.

इससे पहले रविवार को हिंसा की छिटपुट घटनाओं के साथ अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण तरीके से उपचुनाव संपन्न हुआ. लाहौर और मुल्तान के पांच ‘संवेदनशील’ निर्वाचन क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.

लाहौर में पीएमएल-एन और पीटीआई समर्थकों के बीच झड़प के दौरान कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता घायल हो गए. लाहौर से लगभग 350 किलोमीटर दूर मुजफ्फरगढ़ में भी दो कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच हिंसक झड़प की सूचना मिली थी. ज्यादातर निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान कथित तौर पर कम रहा.

पंजाब पुलिस के अनुसार, विभिन्न मतदान केंद्रों के पास से 15 लोगों को हिंसा में शामिल होने और हथियार ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान के करीबी शाहबाज गिल को भी मुजफ्फरगढ़ से हथियारबंद गार्ड रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

नियम के मुताबिक किसी पार्टी या गठबंधन को अपनी पसंद का मुख्यमंत्री चुनने के लिए विधानसभा की 371 सीटों में से कम से कम 186 सीटों की जरूरत होती है.

भाषा के इनपुट से 


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