नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) केंद्र ने इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को 15 जुलाई के बाद तथा एक साल की अवधि के लिए निर्मित उत्पादों के लेबल पर क्यूआर कोड के माध्यम से कुछ अनिवार्य विवरण घोषित करने की अनुमति दी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि उद्योग को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी), फोन नंबर तथा ई-मेल पता जैसा अनिवार्य विवरण पैकेज पर देना होगा।
इन संशोधनों को विधिक माप विज्ञान (पैक किए गए उत्पाद) नियम 2011 के तहत लाया गया और ये 14 जुलाई से प्रभावी हुए।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पहले, नियमानुसार कई घोषणाएं पैकेज पर करनी होती थीं। अब हमने इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को क्यूआर कोड फॉर्म के जरिए कुछ अनिवार्य घोषणाओं का विकल्प दिया है।’’
उन्होंने बताया कि विवरण क्यूआर कोड के जरिए देने की स्थिति में पैकेज पर ग्राहकों को यह सूचना देनी होगी। यह विकल्प पहले एक साल के लिए दिया गया है क्योंकि सरकार इस प्रौद्योगिकी को पहली बार पायलट आधार पर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है और जो प्रतिक्रिया मिलेगी उसके आधार पर इसे विस्तार देने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
भाषा मानसी पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.