सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 2005 में ब्रिटेन के हिंदुजा बंधुओं को बोफोर्स खरीद में कथित श्वितखोरी के आरोपों से बरी करने के आदेश को चुनौती दी थी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बोफोर्स घोटाले से अपील को खारिज कर दिया. इस अपील में सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2005 में ब्रिटेन के हिंदुजा बंधुओं को 155 एमएम होवित्जर बोफोर्स तोप की खरीद में कथित श्वितखोरी के आरोपों से बरी करने के आदेश को चुनौती दी थी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने इस अपील को खारिज कर दिया और जांच एजेंसी से उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने में 13 वर्षों की देरी करने पर सवाल उठाए.
प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने महान्यायवादी केके वेणुगोपाल से कहा, ‘हम लोग आपके तर्क और देरी की वजह के बारे में दिए गए कारण से सहमत नहीं हैं.’
अदालत ने हालांकि कहा कि सीबीआई अपनी दलीलें रख सकती है, क्योंकि वह अधिवक्ता अजय अग्रवाल द्वारा 2005 के आदेश को चुनौती देने में एक वादी थी. सीबीआई ने 4,522 दिनों बाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है.
2005 में बोफोर्स तोप की खरीद में कथित रिश्वतखोरी के मामले में ब्रिटेन के श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश हिंदुजा को बरी किए जाने के फैसले के विरुद्ध सीबीआई ने इस वर्ष फरवरी में शीर्ष न्यायालय का रुख किया था.
सीबीआई ने कुछ नए तथ्यों का हवाला दिया और कहा कि इसकी जांच कराए जाने की जरूरत है. एजेंसी ने इसे ही आधार बनाकर बोफोर्स मामले को दोबारा खोले जाने का आग्रह किया था.