नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या को चार महीने की जेल की सजा सुनाई है, विजय माल्या को 2017 के मामले में अदालत की अवमानना का दोषी पाया गया है.
जस्टिस यूयू ललित, रवींद्र एस भट और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने माल्या पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, शीर्ष अदालत ने माल्या को चार सप्ताह के भीतर उच्चतम न्यायालय कानूनी सेवा प्राधिकरण को जुर्माना जमा करने को कहा और ऐसा नहीं करने पर दो महीने की अतिरिक्त सजा दी जाएगी.
Supreme Court awards 4-month jail sentence and imposes Rs 2000 fine on fugitive businessman Vijay Mallya who was found guilty of contempt of court in 2017 for withholding information from the court pic.twitter.com/Z8zP5P8qdf
— ANI (@ANI) July 11, 2022
कोर्ट ने माल्या के परिवार के सदस्यों को चार सप्ताह के भीतर आठ प्रतिशत ब्याज के साथ 40 मिलियन अमरीकी डालर वापस करने का भी निर्देश दिया, जिसमें विफल रहने पर उनकी संपत्तियों के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही शुरू की जाएगी.
#UPDATE | Supreme Court asks Mallya to deposit back USD 40 million with interest within four weeks and if he fails to do so it would lead to attachment of properties.
— ANI (@ANI) July 11, 2022
2017 में शीर्ष अदालत ने माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को 40 मिलियन अमरीकी डालर ट्रांसफर करने के बारे में अदालत से जानकारी छुपाने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था.
In 2017, Supreme Court had held Mallya guilty of contempt of court for withholding information from the court about transferring USD 40 million to his children in violation of the court's order
— ANI (@ANI) July 11, 2022
पिछले साल, शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसने ‘काफी लंबा’ इंतजार किया और माल्या को यूनाइटेड किंगडम से भारत में प्रत्यर्पित करने के लिए ‘अब और इंतजार’ नहीं कर सकता है.
10 फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अपने खिलाफ अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के लिए दो सप्ताह का अंतिम अवसर दिया था और कहा था कि यदि वह ऐसा करने में विफल रहा तो अदालत मामले को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएगी.
विदेश मंत्रालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया कि यह भारत सरकार का स्टैंड नहीं है.
केंद्र ने यह भी कहा था कि माल्या ब्रिटेन में अपील के अपने सभी रास्ते पहले ही समाप्त कर चुके हैं.
शीर्ष अदालत ने माल्या द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मई 2017 के अपने आदेश की समीक्षा करने की मांग की गई थी, जिसमें उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया गया था.
माल्या अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण मामले में आरोपी है और वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में है.
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