इन सातों पर एनआईए की विशेष अदालत में मुक़दमा चलेगा. इस मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी.
मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात पर आतंकी साजिश और हत्या के आरोप तय किए गए हैं. इन सभी पर गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) और आईपीसी की धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं. हालांकि सभी आरोपियों ने अपने ऊपर लगाए आरोपों से इनकार किया है. मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी.
#UPDATE 2008 Malegaon blasts case: Next date of hearing in the case is 2nd November. https://t.co/uwZZUhjLpI
— ANI (@ANI) October 30, 2018
आपको बता दे इससे पहले सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में कर्नल पुरोहित और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ निचली अदालत द्वारा आरोप तय करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. पुरोहित और प्रज्ञा ठाकुर के अलावा इस केस के अन्य आरोपितों में मेजर रमेश उपाध्याय (रिटायर्ड), समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं.
Earlier,the NIA had given me a clean chit. Now,charges have been framed against me.This was a conspiracy by Congress but I am confident that I'll come out innocent as the truth always wins: Sadhvi Pragya Singh Thakur, on framing of charges against her in 2008 Malegaon blasts case pic.twitter.com/NEnkEwJ9kq
— ANI (@ANI) October 30, 2018
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, साध्वी प्रज्ञा ने इसे साजिश बताते हुए कहा, ‘पहले एनआईए ने मुझे क्लीन चिट दे दी थी. अब मेरे खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. यह कांग्रेस की साजिश थी, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि मैं निर्दोष साबित होऊंगी क्योंकि सच्चाई की हमेशा जीत होती है.’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक सामग्री में विस्फोट होने से 7 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच पहले एटीएस को सौंप दी थी. जांच के दौरान ‘अभिनव भारत’ संस्था का नाम आया था. 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था. बाद में यह जांच एनआईए को सौंप दी गई थी.जुलाई, 2009 में स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका लगा दिया था.
एनआईए ने 31 मई 2016 को नई चार्जशीट फाइल की थी. इसमें रमेश शिवाजी उपाध्याय, समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, राकेश धावड़े, जगदीश महात्रे, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी उर्फ स्वामी दयानंद पांडे सुधाकर चतुर्वेदी, रामचंद्र कालसांगरा और संदीप डांगे के खिलाफ पुख्ता सबूत होने की बात कही गई थी.
इस मामले में 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल पुरोहित को सशर्त जमानत दे दी थी.