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Sunday, 24 November, 2024
होमशासनअमृतसर ट्रेन हादसा: दशहरा का आयोजन करने वाले कांग्रेस नेता ने नहीं दी थी रेलवे को सूचना

अमृतसर ट्रेन हादसा: दशहरा का आयोजन करने वाले कांग्रेस नेता ने नहीं दी थी रेलवे को सूचना

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रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, पंजाब में रावण दहन के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से 58 की मौत हो गई है और कम से कम 48 लोग घायल हुए हैं.

अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार की शाम एक भीषण हादसा हो गया. रावण दहन देख रहे लोग तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे कम से कम 58 लोगों की मौत हो गई और 48 अन्य घायल हो गए. घायलों में कई की हालत गंभीर है. अमृतसर पुलिस आयुक्त एस.एस. श्रीवास्तव ने कहा कि मृतकों की संख्या 50-60 से ज्यादा होगी.

वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक,नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे के सीपीआरओ ने कहा कि अमृतसर ट्रेन हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई है और 48 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लग रहा है कि ड्राइवर की गलती है. अमृतसर-हावड़ा मेल इस घटना से ठीक 2 मिनट पहले ही पास हुई थी.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर शोक व्यक्त किया है.

आयोजकों ने रेलवे को नहीं दी जानकारी

वहीं दिप्रिंट से बातचीत में दशहरा आयोजन करने वाले कांग्रेस नेता सौरभ मदान ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने इस आयोजन के लिए पुलिस की अनुमति तो ली थी लेकिन रेलवे को कोई सूचना नहीं दी थी.

उन्होंने कहा, “मैंने डीसीपी (अमरीक सिंह) से इस आयोजन के पहले मुलाकात की थी.” मदान ने बताया कि आयोजन के दौरान करीब 40 पुलिस वाले भी जोड़ा फाटक के नजदीक मौजूद थे. हालांकि मदान ने कहा कि उन्होंने इस आयोजन के संबंध में रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात नहीं की थी.

वही, इसके पहले 2015 और 2016 में दशहरा आयोजन करने वाले पूर्व पार्षद मनदीप सिंह मन्ना ने बताया कि उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात कर तत्कालीन समारोह के बारे में जानकारी दी थी.

हालांकि मदान ने यह दावा किया कि आयोजनकर्ताओं ने बार-बार लाउडस्पीकर से लोगों को रेलवे ट्रैक पर नहीं जाने के लिए आगाह किया लेकिन लोगों ने उनकी बात नहीं सुनी.

गौरतलब है कि अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था. जैसे ही पुतले में पटाखे का विस्फोट होना शुरू हुआ और आग की लपटें तेज हुईं, लोग पीछे खिसकते हुए रेल पटरी पर चले गए. कुछ लोग रावण दहन देखने के लिए पहले से ही रेल पटरी पर खड़े थे.

उसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही ट्रेन तेज रफ्तार से आई और बड़ी तादाद में लोगों को अपनी चपेट में लेते हुए गुजर गई. ट्रेन को वहां से गुजरने में महज 10 से 15 सेकेंड लगे, ट्रेन के गुजरते ही क्षत-विक्षत शव दूर-दूर तक बिखर गए और घायलों की चीख-पुकार मच गई.

बताया जाता है कि रावण दहन के दौरान पटाखे की गूंज की वजह से लोग ट्रेन की सीटी की आवाज नहीं सुन सके. रावण के जलने के दौरान आग की लपटें तेज होने की वजह से लोग दशहरा स्थल से रेल पटरी पर जाकर नजारा देखने लगे.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि आग की लपटें तेज होने के बाद लोग रेल पटरी की ओर इस भय से खिसकने लगे कि पुतला उनके ऊपर न आ गिरे. यह भी जा रहा है कि इसी दौरान वहां भगदड़ मची और उसी दौरान ट्रेन आ गई. इससे पहले की लोग कुछ समझते ट्रेन बुरी तरह लोगों को कुचलते हुए निकल गई.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते, ट्रेन लोगों को कुचलते हुए निकल गई. उसने कहा कि दुर्घटना में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई होगी. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं. घटनास्थल पर करीब 700 लोग जमा थे.

प्रधानमंत्री ने मृतकों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की है.

पंजाब के नगर निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू इस इलाके के विधायक हैं. उनकी पत्नी नवजोत कौर दुर्घटना स्थल पर आयोजित दशहरा उत्सव की मुख्य अतिथि थीं. दुर्घटना शाम 7 बजे हुई.

रेलवे का जवाबदेही से इनकार

उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने जारी बयान में कहा कि यह कार्यक्रम एक ऐसे क्षेत्र में हो रहा था, जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. बयान के अनुसार, वहां पर दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में ना तो क्षेत्रीय प्रशासन और ना ही कार्यक्रम आयोजक ने कोई सूचना दी.

उन्होंने कहा, “तो रेलवे से अनुमति लेने का सवाल ही नहीं उठता.” उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम कार्यक्रम के समय मानवीय क्रॉसिंग के दरवाजे बंद थे.

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने हालांकि यह स्वीकार किया कि डीजल मल्टीपल यूनिट (डीएमयू) जालंधर-अमृतसर पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट ने आपातकालीन ब्रेक का उपयोग नहीं किया.अधिकारी ने स्वीकार किया कि क्रॉसिंग पर खड़े व्यक्ति को नजदीकी स्टेशन को वहां कार्यक्रम की भीड़ इकट्ठी होने की सूचना देनी चाहिए थी.

स्टेशन मास्टर को सतर्क होना चाहिए था और बाद में उसे लोको पायलटों को सतर्क करना चाहिए था. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब सरकार ने शनिवार को राज्य में शोक का ऐलान किया है. इस दौरन सभी ऑफिस और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. जांच के आदेश दे दिए गए हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल अमेरिका में हैं. उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वह लौटने की तैयारी कर रहे हैं.

ट्रेन चालक से हिरासत में पूछताछ

पंजाब और रेलवे पुलिस ने शनिवार को अमृतसर में 60 लोगों को कुचलने वाली ट्रेन के चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पंजाब पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) के ड्राइवर को लुधियाना रेलवे स्टेनशन से हिरासत में लिया गया और शुक्रवार रात को हुई इस घटना के संदर्भ में पूछताछ की गई.

सूत्रों ने बताया कि ड्राइवर का कहना है कि उसने ग्रीन सिग्नल दिया था और रास्ता साफ था लेकिन उसे कोई अंदाजा नहीं था कि बड़ी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े हैं. इस दशहरा कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि आयोजक अंडरग्राउंड हो गए हैं. रेलवे अधिकारी इस संदर्भ में जानकारियां जुटा रहे हैं. केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार रात घटनास्थल का दौरा किया.

उन्होंने कहा कि घटना की जांच की जा रही है और यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां और नई दिल्ली का रेल प्रशासन खुद का बचाव करता आया कि उन्हें इस स्थान पर दशहरे के कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. स्थानीय पुलिस ने लोगों को इस व्यस्त रेलवे ट्रैक पर आने से नहीं रोका.

पंजाब के राज्यपाल, सिद्धू घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे

पंजाब के अमृतसर में घायलों से मिलने और उनका हालचाल जानने के लिए शनिवार को पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अस्पताल पहुंचे. बदनौर शनिवार तड़के ही अस्पताल पहुंचे और गुरु नानकदेव गवर्मेट अस्पताल में घायलों से मिले. उन्होंने चंडीगढ़ से रवाना होने से पहले मीडिया को बताया, “यह एक बड़ी दुखद घटना है. डॉक्टर्स यहां घायलों को बचाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं.”

राज्य के शिक्षा मंत्री और अमृतसर के विधायक ओपी सोनी भी अस्पताल में मौजूद थे. सिद्धू शनिवार सुबह अस्पताल पहुंचे. हालांकि, सिद्धू ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया. सिद्धू ने अस्पताल में घायलों और उनके परिवार वालों से मिले और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी शनिवार को यहां पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर घटना की पूरी जानकारी ली है. इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद रहे.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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