नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुनवाई की. याचिका में विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और डिप्टी स्पीकर नरहरि जरवाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे.
अदालत ने डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र सरकार, केंद्र और दूसरी याचिकाओं पर सुनवाई की और नोटिस जारी कर पांच दिनों में जवाब मांगा है. कोर्ट अब इस मामले में 12 जुलाई को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला शिंदे गुट के लिए राहत भरा साबित होगा.
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए सुचीबद्ध है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के नेता अजय चौधरी और सुनील प्रभु को भी नोटिस जारी किया है. साथ ही महाराष्ट्र भवन, डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र पुलिस को भी नोटिस भेजा गया है. यही नहीं कोर्ट ने सभी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि फैसले तक कोई फ्लोर टेस्ट नहीं होगा वहीं डिप्टी स्पीकर को अपना जवाब पांच दिनों के भीतर ही देना है.
बता दें इस बीच उद्धव सरकार ने बागी विधायकों के विभाग छीन लिए हैं और उसे अन्य मंत्रियों को आवंटित कर दिए हैं.
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‘वो भगोड़े हैं’
महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे से जब पूछा गया कि उन्हें कितना भरोसा है कि एमवीए सरकार नहीं गिरेगी तो उन्होंने कहा, ‘हमें जीत का भरोसा है. हमारे साथ सभी का प्यार है, विश्वासघात करने वाले जीतते नहीं हैं. वो भगोड़े हैं.’
एक और महाराष्ट्र के नेता उदय सामंत के एकनाथ शिंदे खेमे में जाने पर आदित्य ने कहा,’ यह उनका निर्णय है. उन्हें एक न एक दिन हमारे सामने आना होगा और आंख में आंख डालकर जवाब देना होगा. ‘
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