मुंबईः महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री एनसीपी प्रमुख शरद पवार को धमकी दे रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘शरद पवार को केंद्रीय मंत्री द्वारा धमकी दी जा रही है. क्या इन धमकियों के पीछे मोदी जी और अमित शाह जी का समर्थन है.’
आगे शिवसेना नेता ने कहा कि यह चिंता का विषय है और गृह मंत्री व प्रधानमंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग हमें डरा रहे हैं. कुछ लोग पवार साहब को धमकी दे रहे हैं कि वह घर न जाएं. यह एक चिंता का विषय है. गृह मंत्री और पीएम मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए.’
राउत का बयान नारायण राणे के उस ट्वीट के बाद आया है जिसमें बीजेपी नेता ने कहा था कि पवार शिवसेना विधायकों को डरा रहे हैं और अगर राज्य विधानसभा में कुछ भी होता है तो इसके परिणाम बुरे होंगे.
राणे ने मराठी में ट्वीट किया था, ‘शरद पवार बागी विधायकों को डरा रहे हैं कि यह लोग फिर से महाराष्ट्र विधानसभा में जरूर आएंगे. ये लोग जरूर आएंगे और उनकी इच्छा के हिसाब से वोट करेंगे. अगर उन्हें किसी तरह का नुकसान पहुंचता है तो घर जाना बहुत मुश्किल हो जाएगा.’
माननीय शरद पवार साहेब या सर्वांना धमक्या देत आहेत, ‘सभागृहात येऊन दाखवा’, ते येणारच आहेत. ते येणार आणि त्यांच्या मनाप्रमाणे मतदान करणार. त्यांच्या केसालाही धक्का लावल्यास घर गाठणे कठिण होईल.
— Narayan Rane (@MeNarayanRane) June 23, 2022
इससे पहले एक ट्वीट में राउत ने कहा था कि इस तरह की भाषा का प्रयोग एनसीपी प्रमुख के लिए उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर एमवीए सरकार को बचाने की कोशिश की गई तो शरद पवार को घर नहीं जाने दिया जाएगा. चाहे एमवीए सरकार रहे या जाए लेकिन शरद पवार के लिए इस तरह की भाषा स्वीकार्य नहीं है.
इस बीच राउत ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो शिवसेना कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आएंगे.
उन्होंने कहा कि हमें चुनौती देने वाले एकनाथ शिंदे के खेमे के विधायकों को यह पता होना चाहिए कि शिवसेना कार्यकर्ता अभी रोड पर नहीं उतरे हैं. इस तरह की लड़ाइयां या तो कानून के जरिए लड़ी जाती हैं और या तो सड़कों पर लड़ी जाती हैं. अगर जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे के खेमे के 12 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है, उनकी संख्या सिर्फ कागजों में है. शिवसेना एक महासागर है ऐसी लहरें आती जाती रहेंगी.
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