बेंगलुरू, 22 जून (भाषा) यशस्वी जायसवाल सिर्फ 22 साल के हैं लेकिन उन्हें पता है कि मजबूत वापसी कैसे की जाती है। उन्होंने पिछले महीने इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रायल्स के खिलाफ ऐसा किया और इस महीने रणजी ट्रॉफी नॉकआउट में मुंबई के लिए शानदार प्रदर्शन किया।
क्वार्टर फाइनल में शतक जड़ने के बाद जायसवाल ने सेमीफाइनल में दो शतक जड़े। वह फाइनल में मध्य प्रदेश में खिलाफ सत्र के चौथे शतक की ओर बढ़ रहे थे लेकिन बुधवार को रणजी ट्रॉफी फाइनल के पहले दिन मध्य प्रदेश के तेज गेंदबाज अनुभव अग्रवाल ने उन्हें 78 रन के स्कोर पर आउट कर दिया।
जायसवाल ने पहले दिन के खेल के बाद कहा, ‘‘हां, मैं इसे लेकर थोड़ा दुखी हूं लेकिन यह क्रिकेट है। आपको अच्छे और बुरे दोनों का अनुभव करना होता है। मैंने अब तक यही सीखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट में, चीजें उस तरह नहीं होती जैसे आप चाहते हो लेकिन मैं क्रिकेट और इंसान के रूप में खुद में सुधार के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा हूं।’’
आईपीएल के दौरान जायसवाल को शुरुआती कुछ मुकाबलों से बाहर किया गया था लेकिन टूर्नामेंट के दूसरे हाफ में उन्होंने रॉयल्स की अंतिम एकादश में वापसी की और कुछ शानदार पारियां खेली।
जायसवाल ने कहा, ‘‘आईपीएल में भी ऐसा ही हुआ था। मुझे तीन मैच खेलने को मिले, फिर बाहर हो गया और फिर सात मैच के बाद वापसी की। लेकिन इस सब के बीच में मेरे दिमाग में यह चीज स्पष्ट है कि मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी और हमेशा अनुशासित रहना होगा।’’
जायसवाल ने कहा कि खराब दौर के दौरान सिर्फ कड़ी मेहनत का फल मिलता है।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि उन्हें दबाव की स्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा है।
जायसवाल ने कहा, ‘‘फाइनल अलग है क्योंकि आपकी मानसिकता अलग होती है। मेरे करीबी लोगों ने मुझे इतनी सारी बातें बताई हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूं। बेशक वे दबाव बनाते हैं। ईमानदारी से कहूं तो मुझे इस दबाव का सामना करने में खुशी होती है, मैं इसका लुत्फ उठाता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मानसिकता के साथ उतरता हूं कि मैं ऐसा करूंगा। मैं स्वयं पर विश्वास और भरोसा करता हूं कि मैं जब भी क्रीज पर उतरूंगा तो अच्छा प्रदर्शन करूंगा।’’
भाषा सुधीर नमिता
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