नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिये अगले तीन महीने में बोलियां आमंत्रित की जाएंगी।
राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (एनआईडब्ल्यूई) द्वारा आयोजित विश्व पवन दिवस के मौके पर केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने पवन ऊर्जा विकास करने वाली कंपनियों से यथासंभव क्षमता जोड़ने तथा कीमत को प्रतिस्पर्धी बनाये रखने को कहा।
सिंह ने कहा, ‘‘भारत में ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ेगी। हम अगले तीन महीनों में अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिये बोलियां आमंत्रित करना शुरू करेंगे।’’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि कंपनियों को अपनी क्षमता में वृद्धि करनी चाहिए। कार्यक्रम में पवन ऊर्जा परियोजनाएं लगाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जिस कीमत पर आप बिजली बेचते हैं, वह प्रतिस्पर्धी होनी चाहिए।’’
आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार ने तमिलनाडु और गुजरात के तट पर पवन ऊर्जा विकास के लिये चालू वित्त वर्ष से शुरू होने वाली तीन साल की अवधि के दौरान प्रति वर्ष 4,000 मेगावॉट क्षमता के बराबर पवन ऊर्जा ब्लॉक के लिये बोली आमंत्रित करने का निर्णय किया है।
मंत्रालय ने कहा कि इसी प्रकार, इसके अगले पांच साल में 2029-30 तक हर साल 5,000 मेगावॉट क्षमता की परियोजना के लिये बोलियां आमंत्रित की जाएंगी।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा कि भारत की पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता 40,600 मेगावॉट है। स्थापित क्षमता के मामले में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है।
भाषा
रमण अजय
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