नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) केंद्र सरकार के 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी देने के कदम के बारे में बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इससे उद्योग और उपभोक्ताओं को काफी फायदा मिलेगा। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि आधार मूल्य बोलीदाताओं के लिए एक मुद्दा बना हुआ है क्योंकि इसमें और कटौती की उम्मीद की जा रही थी।
डेलॉयट इंडिया में भागीदार और दूरसंचार क्षेत्र के लीडर पीयूष वैश्य ने कहा कि सरकार ने मिलीमीटर वेव (एमएम-वेव) बैंड की नीलामी की भी घोषणा की है जिससे 5जी की वास्तविक संभावनाओं का लाभ उठाने में तो मदद मिलेगी ही, संचालकों को लागत का रणनीतिक तरीके से प्रबंधन करने में भी यह सहायक होगा।
वैश्य कहा, ‘‘5जी नीलामी का रास्ता साफ हो गया है। यह संभवत: अबतक की बहुप्रतीक्षित स्पेक्ट्रम नीलामी है जिससे उद्योग और उपभोक्ताओं को बहुत लाभ मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि एक और अच्छी बात यह है कि संचालक बिना किसी देनदारी के दस साल बाद स्पेक्ट्रम लौटा सकते हैं। निजी नेटवर्क के विकास की मंजूरी देने संबंधी घोषणा की भी उन्होंने सराहना की।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी जयदीप घोष ने कहा कि सभी बैंड में स्पेक्ट्रम की व्यापक उपलब्धता उत्साहजनक है और संभावित बोलीदाता अपनी रणनीति के अनुरूप स्पेक्ट्रम बैंड के लिए प्रयास कर सकते हैं।
घोष ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य एक मुद्दा बना हुआ है क्योंकि बोलीदाता कम कीमतों की उम्मीद कर रहे थे।’’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा अपने खुद के इस्तेमाल (कैप्टिव) के लिए 5जी नेटवर्क की स्थापना को भी मंजूरी दी है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 72 गीगाहर्ट्ज से अधिक के स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई माह के अंत तक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 14 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने 5जी की नीलामी आरक्षित मूल्य पर करने की मंजूरी दी है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम मूल्य के बारे में सिफारिशें दी थीं। ट्राई ने मोबाइल सेवाओं के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को आरक्षित मूल्य में करीब 39 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया था।
भाषा मानसी अजय
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