नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) खनिज उद्योग निकाय फिमी-दक्षिणी क्षेत्र ने राज्य के बेल्लारी और दो अन्य जिलों से लौह अयस्क के परिवहन और निर्यात पर कर्नाटक सरकार के दिशानिर्देशों को वापस लेने की मांग की है।
कर्नाटक सरकार ने अपने हालिया दिशानिर्देशों में लौह अयस्क के परिवहन और निर्यात की अनुमति दी है जिनका उत्पादन 31 मार्च, 2022 तक किया गया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (फिमी), दक्षिणी क्षेत्र के अनुसार, राज्य सरकार को 31 मार्च, 2022 के बाद उत्पादित लौह अयस्क के परिवहन के बारे में भी स्पष्ट करना चाहिए।
राज्य के दिशानिर्देश पिछले महीने उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के मद्देनजर आए हैं, जिसमें देश के बाकी हिस्सों की तरह कर्नाटक से लौह अयस्क के निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया गया था।
इस साल मई में न्यायालय ने खनन कंपनियों को कर्नाटक में बेल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमकुरु की खदानों से उत्खनित लौह अयस्क का निर्यात करने की अनुमति दी थी।
फिमी दक्षिणी क्षेत्र ने सोमवार को कर्नाटक सरकार को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘उक्त शर्त पूरी तरह से अनुचित है, अदालत के आदेश के विपरीत है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
उद्योग निकाय ने कर्नाटक सरकार से दिशानिर्देशों में उक्त प्रतिबंध को वापस लेने और राज्य में उत्पादित सभी लौह अयस्क की जल्द से जल्द मुक्त आवाजाही की अनुमति देने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.