नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में मौजूदा तेजी से निपटने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। इस क्रम में गृह पृथक-वास के मामलों की निगरानी के लिए अधिक लोगों की नियुक्ति, दवाओं का भंडारण और प्रभावित क्षेत्रों की पहचान की खातिर संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का व्यापक स्तर पर पता लगाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 के दैनिक मामले 1000 को पार गए। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को कोविड-19 के 1,118 नए मामले आए और दो लोगों की मौत हुई तथा संक्रमण दर 6.50 प्रतिशत रही। दिल्ली में 10 मई को एक हजार से अधिक मामले आए थे। यह लगातार पांचवां दिन है जब दिल्ली में एक दिन में 600 से अधिक मामले आए हैं।
पश्चिमी जिले में तैनात एक सरकारी डॉक्टर के अनुसार, उन्होंने जिले के सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों को गृह पृथक-वास के मामलों की निगरानी के लिए तैनात टीम की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने टीम की संख्या बढ़ाने के लिए एक आदेश जारी किया है और उनसे इस पर एक रिपोर्ट मांगी है। हमने उनसे कोविड-19 की दवाओं के उपलब्ध भंडार के बारे में भी जानकारी मांगी है और यह भी जानना चाहा कि क्या किसी दवा का भंडार खत्म हो रहा है। अगर किसी दवा की कमी है तो हम स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) से अनुरोध करेंगे।’’
अधिकारी ने यह भी कहा कि रोगियों के साथ बातचीत करने वाली स्वास्थ्य टीम को यात्रा इतिहास, कार्यालयों के स्थान और उन सभी क्षेत्रों के बारे में विवरण लेने के लिए कहा गया है जहां रोगी संक्रमित होने से तीन से चार दिन पहले आया था।
उन्होंने यह भी कहा कि अस्पतालों में बिस्तरों की स्थिति, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा आदि की भी समीक्षा की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘मामलों में वृद्धि के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने की दर कम है। गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं और ऐसे मामले सामने आए हैं जहां किसी रोग का इलाज कराने आए लोग या ट्रॉमा के मरीज संक्रमित पाए गए हैं।’’
उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के हालात की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को दिल्ली में कोविड-19 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि संक्रमितों की संख्या में वृद्धि के बीच वायरस के किसी भी नए स्वरूप के प्रसार का पता लगाया जा सके।
कोविड-19 महामारी से सफलतापूर्वक लड़ने के लिए जांच के साथ साथ संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, उपचार और टीकाकरण की रणनीति पर ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मामलों का जीनोम अनुक्रमण सुनिश्चित करें ताकि पता लगाया जा सके कि कोई नया स्वरूप सामने आया है या नहीं।
नयी दिल्ली जिले में तैनात एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहले से ही मांग के अनुसार जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मामलों में वृद्धि को देखते हुए हमने संक्रमित मरीज के संपर्क में आए कम जोखिम वाले मरीजों की जांच भी शुरू कर दी है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां संक्रमण दर अधिक है।’’
दक्षिण पूर्व जिले के एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि वे अलर्ट मोड पर हैं और स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। अधिकारी ने यह भी कहा कि सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के दौरान दिए गए निर्देशों का पालन किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी निगरानी जारी है। हम जांच और मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कोविड-उपयुक्त व्यवहार को सख्ती से लागू करने के लिए रणनीतियों पर विशेष जोर दिया जा रहा है जिसमें मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना शामिल है।’’
सक्सेना ने सोमवार को अधिकारियों को सतर्क रहने और अस्पतालों को तैयारियों के संदर्भ में कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया था। उन्होंने दिल्ली में लोगों से स्वेच्छा से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की अपील की।
भाषा सुरभि अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.