नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि भारत को लोकतांत्रिक शासन में एक महान प्रयोग के रूप में वर्णित करना उचित होगा जिस पर उसके नागरिकों को गर्व करने की जरूरत है।
नायडू ने यहां प्रधानमंत्री संग्रहालय का दौरा करने के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम अपना सिर ऊंचा रख सकते हैं जब हम इस तथ्य पर विचार करते हैं कि हमारा देश, दुनिया का सबसे बड़ा और दुनिया के सबसे गतिशील लोकतंत्रों में से एक है।’’ उन्होंने कहा कि संग्रहालय भारतीय लोकतंत्र की जीवंत प्रकृति का उत्कृष्ट प्रतिबिंब और उत्सव है।
उपराष्ट्रपति ने लिखा, ‘‘संग्रहालय की मंजिलों से गुजरते हुए किसी को भी इस बात पर गर्व महसूस होता है कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक साधारण परिवार में पैदा हुआ व्यक्ति भी सर्वोच्च संवैधानिक पदों तक पहुंच सकता है।’’
उन्होंने कहा कि युवा और नवोदित राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखना तथा संविधान का मसौदा तैयार करना उस समय की दो सबसे बड़ी चुनौतियां थीं, जिन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल और भीमराव आंबेडकर के सक्षम नेतृत्व में सफलतापूर्वक निपटाया गया था।
नायडू ने कहा, ‘‘संग्रहालय में हमारे संविधान और इसके निर्माताओं की कहानी का वर्णन करने वाले एक विस्तृत खंड को देखकर मुझे खुशी हुई। भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करते हुए, सभी 22 भारतीय भाषाओं में मूल संविधान की प्रतियां संग्रहालय में प्रदर्शित की गई हैं।’’
संग्रहालय को ‘‘तटस्थ भाव से तैयार किया गया एक महान कार्य’’ बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री संग्रहालय युवा पीढ़ी को सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान से अवगत कराएगा और उन्हें समृद्ध, सुखी और आत्मनिर्भर नए भारत के निर्माण के लिए काम करने को लेकर प्रेरित करेगा।
हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत यहां तीन मूर्ति चौक पर संग्रहालय का उद्घाटन किया था।
भाषा आशीष नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.