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Friday, 15 November, 2024
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श्रीलंका में ‘कसीनो किंग’ धम्मिका परेरा के MP बनने से संसद में इतनी बेचैनी क्यों है

बिजनेस टाइकून को राजपक्षे परिवार के करीबी के रूप में जाना जाता है, और संसद में उनके आने की खबर ने हितों के टकराव को लेकर चिंता पैदा कर दी है.

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नई दिल्ली: श्रीलंका के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक और राजपक्षे परिवार के करीबी सहयोगी धम्मिका परेरा को देश का नया तकनीकी एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री बनाया गया है.

पोर्टफोलियो और परेरा दोनो संसद के लिए बिल्कुल नए हैं. पोर्टफोलियो गुरुवार को बनाया गया था जबकि परेरा अभी तक संसद के एक मौजूदा सदस्य नहीं हैं. वह 10 जून को श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) में शामिल हुए हैं.

श्रीलंकाई बिजनेस टाइकून संसद में नवीनतम वाइल्ड कार्ड एंट्री हैं. देश 2019 से आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. मई में  महिंदा राजपक्षे सरकार के इस्तीफा देने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पांचवी बार देश की बागडोर संभाली. जबकि इस बार उनकी यूनाइटेड नेशनल पार्टी के पास संसद में केवल एक सीट हैं.

परेरा 10 जून को एसएलपीपी में शामिल हुए और उन्होंने राष्ट्रीय सूची के तहत एक संसदीय सीट स्वीकार कर ली. यह सीट 9 जून को पूर्व वित्त मंत्री तुलसी राजपक्षे के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी.

पूर्व युवा और खेल मंत्री नमल राजपक्षे ने दिप्रिंट को बताया कि बेसिल ने राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे से इस सीट पर एक योग्य व्यक्ति को लाने का अनुरोध किया था. नमल ने कहा, ‘धम्मिका परेरा एक अच्छा विकल्प है क्योंकि वह अपने कॉर्पोरेट अनुभव से सरकार को फायदा पहुंचा सकते हैं और मौजूदा संकट का सामना करने के लिए अपना पेशेवर इनपुट दे सकते हैं’  उन्होंने आगे कहा, ‘वह एक सफल बिजनेसमैन हैं और उद्यमिता के लिए अधिक अवसर ला सकते हैं. उन्होंने प्रशासन में भी गहरी रुचि दिखाई है’  उन्होंने उल्लेख किया कि राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के समय में परेरा श्रीलंका के निवेश बोर्ड के एक सफल अध्यक्ष भी रहे हैं.

परेरा ने 11 जून को प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे से मुलाकात की. सरकारी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि 21 जून को संसद के अगले सत्र में उनके सांसद और नए तकनीकी एंव निवेश प्रोत्साहन मंत्री के रूप में शपथ लेने की पूरी संभावना है.

राष्ट्रपति गोटाबाया ने एक एक असाधारण राजपत्र के जरिए गुरुवार को दो नए पोर्टफोलियो का गठन किया था. इनमें से एक तकनीकी एंव निवेश प्रोत्साहन मंत्रालय और दूसरा महिला बाल एवं सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय है.

कौन हैं धम्मिका परेरा?

धम्मिका परेरा द्वीप राष्ट्र के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं. देश में सबसे बड़ा कैसीनो ऑपरेटर, और देश के टाइल बाजार में उनका एकाधिकार है. वह संपत बैंक और पैन एशिया बैंक दोनों में एक प्रमुख शेयरधारक है. साथ ही वैलिबेल फाइनेंस और एलबी फाइनेंस जैसी वित्तीय कंपनियों के प्रमुख  कर्ता-धर्ता भी हैं. श्रीलंका के सबसे बड़े और सबसे विविध समूहों में से एक, हेलीज़ के सह-अध्यक्ष और गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम कर चुके हैं. परेरा के पास हेलीज़ के कुल शेयरों का लगभग 51.01 प्रतिशत हिस्सा है. रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी ने 2021 की पहली तिमाही में 6.4 बिलियन श्रीलंकाई रुपये के फायदे के साथ लगभग 90 बिलियन श्रीलंकाई रुपये कमाए थे.


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बिजनेस टाइकून 10 जून को कई कंपनियों के बोर्ड से हट गए, जिसमें हेले भी शामिल है. क्योंकि उनके एसएलपीपी में शामिल होने की अटकले सार्वजनिक हो गई थीं. परेरा ने कथित तौर पर श्रीलंकाई सरकार में शामिल होने की उम्मीदों को भी बरकरार रखा है. वह हाल ही में प्रधानमंत्री महिंदा के मंत्रिमंडल के इस्तीफा देने के बाद वित्त मंत्रालय के सचिव बनने की दौड़ में थे. उनकी वेबसाइट पर मंत्रालय के विशिष्ट लक्ष्यों और रोडमैप के साथ देश के लिए आर्थिक विकास रणनीति और कार्य योजना का विज्ञापन भी करती है.

समागी जन बालवेगया (एसजेबी) युवा विंग के उपाध्यक्ष और वेलिगामा के पूर्व मेयर रेहान जयविक्रीम ने कहा, ‘धम्मिका परेरा की पिछले कुछ सालों से राष्ट्रपति पद की महत्वाकांक्षाएं हैं और वह अपने इस कदम के लिए तैयार हो रहे हैं.’

हितों के टकराव पर चिंता

एक के बाद एक इतनी तेजी से बदलते घटनाक्रमों को लेकर चिंता जताई जा रही है. धम्मिका परेरा को राजपक्षे परिवार के करीबी के रूप में जाना जाता है. कई कंपनियों में शेयरधारक और एक व्यवसायी के रूप में संसद में प्रवेश करने की खबर ने हितों के संभावित टकराव के बारे में चिंता पैदा कर दी है. 12 जून को, परेरा के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए. पुलिस और सेना के जवानों को तैनात किया गया है

जयविक्रीम ने कहा, ‘यह कुछ अजीब है कि इतने सारे क्षेत्रों को नियंत्रित करने वाला बिजनेसमैन सरकार में होगा. अगर वह इस बारे में इतने ही ईमानदार थे, तो उन्हें विभिन्न बोर्डों से इस्तीफा देने के बजाय अपने शेयर बेच देने चाहिए थे.’

परेरा को सांसद के रूप में प्रमाणित करने वाला राजपत्र 10 जून को चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया था. लेकिन उन्हें अभी तक कैबिनेट मंत्री घोषित नहीं किया गया है.

कार्यकर्ता नुजली हमीम ने कहा,  ‘जब 2020 में चुनाव हुए तो वह राष्ट्रीय सूची के उम्मीदवार नहीं थे. लेकिन अब वह एक कैबिनेट मंत्री हो जाएंगे. यह असंवैधानिक है. इसलिए हम विरोध कर रहे हैं. उन पर कर चोरी के भी कई बड़े आरोप हैं’

तकनीक और निवेश प्रोत्साहन मंत्रालय बिल्कुल नया पोर्टफोलियो है. कोई और नाम चर्चा में नहीं है. मंत्रालय के अधीन पंद्रह संस्थानों को रखा गया है, जिनमें दूरसंचार नियामक आयोग, श्रीलंकाई निवेश बोर्ड, कोलंबो पोर्ट सिटी आर्थिक आयोग और इमिग्रेशन और एमिग्रेशन विभाग भी शामिल हैं.

पूर्व राजनयिक दयान जयतिल्का ने दिप्रिंट को बताया, ‘एक तरफ इसे आर्थिक संकट से निपटने के रूप में देखा जा सकता है. ऐसे कितने उदाहरण हैं जिनमें सफल व्यवसायी संभावित उद्धारकर्ता के रूप में आगे आए हैं’ उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन दूसरी ओर, जाहिर तौर पर यह सत्तारूढ़ दल, एसएलपीपी के पदाधिकारियों के बीच मतभेद पैदा कर सकता है, क्योंकि वह एक बाहरी व्यक्ति है’ जयतिल्का ने इस तथ्य की ओर इशारा किया कि एसएलपीपी के पास पहले से ही अपने पदाधिकारियों में टेक्नोक्रेट हैं, जिनमें ‘गोटाबाया शिविर के कुछ मूल दिग्गज’ भी शामिल हैं.

सेंटर फॉर पॉलिसी अल्टरनेटिव्स, श्रीलंका ने राष्ट्रीय सूची के तहत परेरा की नियुक्ति की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाते हुए एक बयान जारी किया. बयान में कहा गया, ‘राजनीतिक दलों को इस उद्देश्य के लिए तैयार की गई रिक्तियों को भरने के लिए किसी को भी नियुक्त करने की अनुमति देना लोगों के मताधिकार के मूल्य को कम करता है और अनावश्यक व मनमाने ढंग से राजनीतिक दलों के नेतृत्व की शक्ति को बढ़ाता है.’

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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