तेजपुर (असम), 11 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच हज़ार करोड़ रुपये के निवेश से 1,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की 50वीं कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि हरित ऊर्जा पैदा करने के लिए केंद्र के स्वामित्व वाले उद्यम के साथ राज्य सरकार द्वारा एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा, ”अमगुरी में 75 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाला सौर संयंत्र का हाल ही में उद्घाटन किया गया था। राज्य के विभिन्न हिस्सों में 100 मेगावाट की कुल क्षमता वाली कुछ अन्य इकाइयां अगले महीने चालू हो जाएंगी।”
सरमा ने कहा, राज्य सरकार बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का उत्पादन करना चाहती है।
सरमा ने कहा ”इसके लिए, राज्य सरकार और नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन पांच हज़ार करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक हज़ार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाएंगे।” नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन (अब एनएलसी इंडिया लिमिटेड) कोयला मंत्रालय के अधीन एक ‘नवरत्न’ कंपनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित सौर संयंत्र से ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो जाने पर असम बिजली की जरूरत के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
सरमा ने यह भी बताया, राजस्व विभाग के पास लंबित भूमि बंदोबस्त के 1,037 प्रस्तावों को बैठक के दौरान मंजूरी दे दी गई। उन्होंने कहा, ‘इनमें से कुछ प्रस्ताव 1992 से लंबित थे। राजस्व विभाग द्वारा लगभग 30 प्रतिशत कार्य का निपटारा कर दिया गया है। अगली कैबिनेट बैठक में, हम गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्रस्तुत लंबित प्रस्तावों पर विचार करेंगे।’
सरमा ने उल्लेख किया कि कैबिनेट ने चाय बागानों की बंजर भूमि को अन्य गतिविधियों, जैसे पेड़ उगाने, चाय पर्यटन और सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए उपयोग करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
सरमा ने कहा कि कैबिनेट ने असम नगर निगम सेवा संवर्ग की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसके तहत राज्य के नगर निकायों के लिए मुख्य कार्यकारी सदस्य, लेखा अधिकारी और इंजीनियर की नियुक्ति की जाएगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा अनिवार्य संपत्ति कर के आकलन के लिए एक नयी व्यवस्था को भी कैबिनेट में पारित किया गया था।
सरकार ने बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए 8,727 करोड़ रुपये, 383 करोड़ रुपये लखीमपुर और ढकुआखाना को जोड़ने वाले पुल के लिए, तामूलपुर और बारामा के बीच एक अन्य पुल के लिए 247 करोड़ रुपये आवंटित किये।
भाषा फाल्गुनी सुभाष
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