कानपुर (उप्र) 11 जून (भाषा) कानपुर में तीन जून को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की कथित विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में भड़की हिंसा के एक सप्ताह बाद कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने शनिवार को मुख्य आरोपी के एक करीबी सहयोगी के स्वामित्व वाली एक ऊंची इमारत को ध्वस्त कर दिया।
वहीं मुख्य साजिशकर्ता समेत चार आरोपियों को पुलिस ने अदालत के निर्देश पर शनिवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में ले लिया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने शनिवार को इसकी पुष्टि की और बताया कि कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने मोहम्मद इश्तियाक के स्वामित्व वाली एक नवनिर्मित इमारत को ध्वस्त कर दिया है, जिसे मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी का करीबी रिश्तेदार कहा जाता है।
पुलिस के अनुसार इस भवन में मुख्य आरोपी का पैसा लगा है और यह इमारत कानपुर के स्वरूप नगर मोहल्ले में है।
तिवारी ने बताया कि जो भी कार्रवाई की जा रही है वह मानदंडों और नियमों के अनुसार की जा रही है। उन्होंने कहा कि घटना के कारण, उद्देश्य, धन की आपूर्ति समेत सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जहां तोड़फोड़ की जा रही है वहां पुलिस और प्रशासन मौजूद है।
विशेष जांच दल (एसआईटी) से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि अदालत ने कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी, जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और सूफियान को 72 घंटे की पुलिस हिरासत में रखने की मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों को शनिवार सुबह पुलिस हिरासत में ले लिया गया है और वे मंगलवार सुबह तक पुलिस हिरासत में रहेंगे। इनसे घटना से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर पूछताछ की जाएगी।
पुलिस के अनुसार जफर हयात हाशमी पर हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता होने का संदेह है और कथित तौर पर विदेशों से उसने धन प्राप्त किया और हाशमी और उनकी पत्नी से जुड़े बैंक खातों का पता लगाया जा रहा है।
तीन जून को कानपुर में उस समय हिंसा भड़क उठी थी जब कुछ लोग भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुये जमा हुये थे । इस घटना में कुछ पुलिसकर्मियों समेत 40 लोग घायल हो गए। दंगाइयों ने पेट्रोल बम भी फेंके और दुकानों तथा वाहनों समेत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
भाषा सं आनन्द रंजन
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