कोलकाता, 10 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक आर्थिक वृद्धि के बजाय मुद्रास्फीति नियंत्रण को प्राथमिकता दे रहा है और रेपो दर में की गई वृद्धि इसी सोच को जाहिर करती है।
आरबीआई के कार्यकारी निदेशक राधा श्याम राठो ने यहां उद्योग मंडल मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की तरफ से आयोजित एक परिचर्चा सत्र में शिरकत करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में दुनिया भर के वित्तीय बाजारों को कोविड-19 महामारी की वजह से अनिश्चितता का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा दौर में मुद्रास्फीति के उम्मीद से ज्यादा रहने से दुनिया भर के केंद्रीय बैंक भविष्य में ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे। यह एक बडा जोखिम होगा।’
केंद्रीय बैंक के अधिकारी ने कहा कि आरबीआई आर्थिक वृद्धि पर मुद्रास्फीति नियंत्रण को प्राथमिकता दे रहा है ताकि वृद्धि को प्रभावित किए बगैर कीमतों में वृद्धि निर्धारित लक्ष्य के भीतर बनी रहे।
आरबीआई ने दो दिन पहले ही नीतिगत रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की है। इसके पहले गत चार मई को भी रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। अब रेपो दर 4.90 प्रतिशत पर जा पहुंची है।
राठो ने कहा कि बॉन्ड प्रतिफल में भी बहुत उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है जो कि बेहद असामान्य घटना है। उन्होंने घरेलू अर्थव्यवस्था पर इसका भी असर पड़ने की आशंका जताई।
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