नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को कश्मीर में हथियार बंद समूहों द्वारा गैर कानूनी तरीके से नागरिकों की हत्या के मामले में त्वरित और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करना चाहिए।
मानवाधिकार की निगराने करने वाली संस्था ने कहा कि भारत सरकार को कश्मीर के लोगों की रक्षा के लिए निश्चित रूप से अविलंब कदम उठाने चाहिए।
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया बोर्ड के प्रमुख आकार पटेल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग दशकों से सरकार और गैरसरकारी तत्वों के कारण मानवाधिकार उल्लंघन और दुर्व्यवहार का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम पीड़ितों को उनका अधिकार दिलाना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करने में उनकी मदद करना चाहते हैं कि ऐसा दुर्व्यवहार दोबारा नहीं होगा, तो कश्मीरी लोगों के मानवाधिकारों की जिस व्यवस्थित तरीके से सरकारी मशीनरी द्वारा अवहेलना की गई है वह बंद होनी चाहिए।
मानवाधिकारों के लिए कार्यरत इस संस्था ने कश्मीर में सशस्त्र समूहों द्वारा नागरिकों की हालिया गैर कानूनी हत्याओं की त्वरित, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की।
कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों की लक्षित हत्याओं का सिलसिला इस साल मई में शुरू हुआ था।
राहुल भट की हत्या के बाद प्रधानमंत्री पैकेज -वर्ष 2012 के तहत नौकरी कर रहे दर्जनों कश्मीरी पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया और बड़े पैमाने पर पलायन की धमकी दी।
भट की हत्या के बाद विभिन्न स्थानों पर लगभग 6,000 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि उन्हें घाटी से बाहर स्थानांतरित किया जाए।
भाषा संतोष उमा
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