नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) उद्योग निकाय सीओएआई ने चेतावनी दी है कि यदि निजी कैप्टिव नेटवर्क के महत्वपूर्ण मुद्दे पर दूरसंचार परिचालकों की चिंता का तुरंत समाधान नहीं किया जाता है तो 5जी नेटवर्क को लागू करने के संबंध में कोई कारोबारी संभावनाएं नहीं होंगी।
सीओएआई ने संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे एक पत्र में कहा कि अगर स्वतंत्र संस्थाओं को दूरसंचार विभाग द्वारा सीधे 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन के साथ निजी कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करने की अनुमति दी जाती है, तो ‘‘टीएसपी (दूरसंचार सेवा प्रदाताओं) की कारोबारी संभावनाएं गंभीर रूप से खराब हो जाएगी।’’
सीओएआई ने कहा कि इससे राजस्व इतना कम हो जाएगा कि टीएसपी के लिए कोई व्यवहार्य कारोबारी संभावनाएं नहीं बचेंगी और टीएसपी को 5जी नेटवर्क लागू करने की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने इससे पहले बुधवार को कहा था कि निजी कैप्टिव नेटवर्क के संचालन के लिए उद्यमों को सीधे स्पेक्ट्रम आवंटित करने का कोई औचित्य नहीं है।
सीओएआई ने साथ ही कहा कि लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार कंपनियां निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी और लागत प्रभावी समाधान देने में सक्षम हैं।
कैप्टिव नेटवर्क से आशय कंपनियों के ऐसे दूरसंचार नेटवर्क से है, जो उनके निजी उपयोग लिए हो।
सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं। उद्योग निकाय की टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दूरसंचार परिचालक और प्रौद्योगिकी कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन और कैप्टिव निजी नेटवर्क की बहस को लेकर उलझी हुई हैं।
निजी उद्यमों ने दावा किया है कि दूरसंचार कंपनियों पर निर्भरता के बिना कैप्टिव नेटवर्क के निर्माण के लिए सीधे स्पेक्ट्रम देने से डिजिटल एजेंडा में तेजी आएगी।
हालांकि, सीओएआई ने इस तर्क को खारिज करते हुए 5जी प्राइवेट नेटवर्क पर अपने स्थिति पत्र में सरकार से आग्रह किया है कि निजी कैप्टिव नेटवर्क पर ऐसे किसी भी स्पेक्ट्रम को आरक्षित या डी-लाइसेंस नहीं करना चाहिए, जिसकी पहचान मोबाइल सेवाओं के उपयोग के लिए की गई है।
सीओएआई ने कहा कि ऐसा करने से, ‘‘सरकारी खजाने की कीमत पर निजी वाणिज्यिक संस्थाओं को अनुचित लाभ’ मिलेगा।
भाषा पाण्डेय
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