नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि ग्रीष्मावकाश के दौरान होने वाली सुनवाई में दलीलें पेश करने के लिए अधिवक्ता अदालत कक्ष में उपस्थित रहें और ऐसे कुछ मामलों की सुनवाई टाल दी जिनमें अधिवक्ता वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उपस्थित हुए थे।
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की अवकाश पीठ ने कहा कि न्यायाधीश रोजाना अदालत आ रहे हैं और उचित होगा कि मुकदमों में दलीलें पेश करने के लिए अधिवक्ता भी अदालत आएं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम रोज अदालत आ रहे हैं। आप भी आ सकते हैं और अपनी दलीलें पेश कर सकते हैं। अदालत कक्ष में मौजूद अधिवक्ताओं पर हम ध्यान देंगे।’’
पहले, पीठ ने डिजिटल तरीके से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा एक मुकदमे की जल्दी सुनवाई करने का अनुरोध ठुकरा दिया और उनसे कक्ष में पेश होकर दलीलें पेश करने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘जब आप अदालत कक्ष में नहीं हैं तो हम आप पर ध्यान क्यों दें। अन्य अधिवक्ता अवकाश के दौरान यहां हैं।’’
रोहतगी ने उसके बाद मामले को कल तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि वे कल कक्ष में उपस्थित होकर दलीलें देंगे।
भाषा अर्पणा अविनाश
अविनाश
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