अलप्पुझा (केरल), 30 मई (भाषा) केरल की एक अदालत ने जिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा हाल में आयोजित एक मार्च के दौरान एक नाबालिग लड़के द्वारा कथित तौर पर उकसावे वाली नारेबाजी करने के संबंध में एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए संगठन के एक नेता को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि याहया थंगल को अलप्पुझा में जिला अदालत ने एक मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
थंगल को रविवार को गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह कार्यक्रम के आयोजकों में से एक था, जहां लड़के ने कथित तौर पर नारे लगाए।
इस बीच, पुलिस ने कुछ दिनों पहले तटीय जिले में एक जनसभा के संबंध में थंगल के खिलाफ गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने का भी एक मामला दर्ज किया। ऐसा आरोप है कि उसने इस जनसभा में केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थी।
पहले के मामले में पुलिस ने नाबालिग लड़के के पिता को भी गिरफ्तार किया है।
सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए इस घटना की एक वीडियो में बच्चे को एक व्यक्ति के कंधे पर बैठे हुए और 21 मई को पीएफआई द्वारा आयोजित ‘‘सेव द रिपब्लिक’’ रैली के दौरान आपत्तिजनक नारे लगाते हुए देखा गया।
इसके बाद पुलिस में एक शिकायत दर्ज करायी गयी। लड़के के पिता ने हिरासत में लिए जाने से पहले पत्रकारों से कहा कि बच्चे को विवादित नारे किसी ने नहीं सिखाए थे बल्कि उसने पहले ऐसे ही कार्यक्रमों में भाग लेने के दौरान ये सीखे।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि उनके बेटे ने किसी कार्यक्रम में ऐसे नारे लगाए हैं और यूट्यूब पर ऐसे ही नारे लगाने के कई वीडियो देखे जा सकते हैं।
अभी तक मामले में 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और रिमांड पर लिया गया तथा और लोगों को विभिन्न स्थानों से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, लड़के को जल्द ही काउंसिलिंग के लिए एक सरकारी केंद्र भेजा जाएगा।
लड़के को अपने कंधे पर बैठाने वाले इराट्टुपेटा निवासी अनस को सबसे पहले इस मामले में गिरफ्तार किया गया।
भाषा गोला उमा
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