इस्लामाबाद, 26 मई (भाषा) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सरकार की वह याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के ‘आजादी मार्च’ के संबंध में शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों का ‘उल्लंघन’ करने के लिए खान के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई थी।
प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय पीठ ने सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल अश्तर औसाफ द्वारा दायर वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख पर राष्ट्रीय राजधानी के एच-9 सेक्टर में शांतिपूर्ण मार्च को लेकर शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
पीठ में न्यायमूर्ति बंदियाल के अलावा न्यायमूर्ति इजाजुल अहसान, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर, न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी और न्यायमूर्ति सैयद मजहर अली अकबर नकवी भी शामिल हैं।
याचिका में कहा गया था कि क्रिकेटर से राजनेता बने 69 वर्षीय खान ने अपने समर्थकों को डी-चौक तक जाने को कहा था, जहां प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई। इस्लामाबाद का डी-चौक राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और शीर्ष अदालत के आसपास स्थित है।
पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत का बुधवार का आदेश यथावत रहेगा, जिसमें सरकार और पीटीआई को एक साथ बैठकर ‘आजादी मार्च’ के शांतिपूर्ण और सुरक्षित संचालन के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने को कहा गया था।
गौरतलब है कि यह बातचीत नहीं हो सकी, क्योंकि दोनों पक्षों ने इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त के कार्यालय में नियत समय पर न पहुंचने का एक दूसरे पर आरोप लगाया था।
न्यायालय ने कहा कि याचिका खारिज करने का तार्किक आधार उसके लिखित फैसले में दिया जाएगा।
खान ने बृहस्पतिवार को तड़के इस्लामाबाद में प्रवेश किया और डी-चौक की ओर कूच कर गये, जबकि सरकार ने ‘महत्वपूर्ण सरकारी भवनों की सुरक्षा’ के लिए रेड जोन में सेना को तैनात कर रखा था।
गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि डी-चौक पर रैली करने का खान का फैसला शीर्ष अदालत का उल्लंघन है, जिसने उनकी पार्टी को श्रीनगर-राजमार्ग से सटे राजधानी के एच-9 सेक्टर स्थित एक मैदान में रैली आयोजित करने के लिए कहा था।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘राजनीतिक संघर्ष हमेशा देश को नुकसान पहुंचाते हैं। यदि कोई ठोस कारण है तो अदालत राजनीतिक प्रकृति के किसी भी मामले में हस्तक्षेप करेगी।
पूर्व प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को आगाह किया कि यदि ‘आयातित सरकार’ छह दिन के भीतर चुनाव की घोषणा करने में विफल रहती है तो वह ‘पूरे देश’ के साथ राजधानी फिर लौटेंगे।
खान ने आज सुबह यहां जिन्ना एवेन्यू में ‘आजादी मार्च’ के हजारों प्रदर्शनकारियों की एक रैली को संबोधित करते हुए अपनी पार्टी के मार्च को रोकने के लिए छापे और गिरफ्तारी जैसी ‘रणनीतियों’ का इस्तेमाल को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने इस मामले का संज्ञान लेने के लिए उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद भी किया।
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