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Wednesday, 20 November, 2024
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क्षेत्रीय देशों को डर है आईपीईएफ उन्हें चीनी अर्थव्यवस्था से अलग कर सकता है : चीन

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(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, 25 मई (भाषा) चीन ने बुधवार को तोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले अमेरिका द्वारा शुरू किए गए इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क की आलोचना करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के कई देश चिंतित हैं कि आईपीईएफ उन्हें चीनी अर्थव्यवस्था से अलग कर सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 23 मई को क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले आईपीईएफ की शुरुआत की। बाइडन ने कहा कि भारत सहित 12 देश नई पहल में शामिल हुए हैं, जिसे बड़े पैमाने पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते चीनी प्रभाव का मुकाबला करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

अमेरिका के नेतृत्व वाली पहल में शामिल होने वाले देश ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम हैं।

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, कार्य ढांचे में चार स्तंभ- व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ ऊर्जा और बुनियादी ढांचा, तथा कर और भ्रष्टाचार विरोध- शामिल हैं।

एक वरिष्ठ अमेरिकी आधिकारी ने टिप्पणी की कि आईपीईएफ “इस क्षेत्र में अमेरिका का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध है” और हिंद-प्रशांत देशों को चीन के लिए एक विकल्प देता है। इस बारे में जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सहयोग के नाम पर कार्य ढांचा कुछ देशों को बाहर करने का प्रयास करता है।

चीन के अलावा आईपीईएफ से लाओस, कंबोडिया और म्यांमा को बाहर रखा गया है जिन्हें बीजिंग के करीबी के तौर पर देखा जाता है।

वांग ने कहा कि आईपीईएफ अमेरिका के नेतृत्व वाले व्यापार नियम स्थापित करता है, औद्योगिक श्रृंखलाओं की प्रणाली का पुनर्गठन करता है और चीनी अर्थव्यवस्था से क्षेत्रीय देशों को अलग करता है।

उन्होंने कहा, “अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने सार्वजनिक रूप से कहा कि आईपीईएफ क्षेत्र में अमेरिकी आर्थिक नेतृत्व को बहाल करने और क्षेत्रीय देशों को चीन के दृष्टिकोण का विकल्प पेश करने में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। तथ्य यह है कि इस क्षेत्र के कई देश चीन से ‘अलग किए जाने’ की भारी लागत से चिंतित हैं।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका का दावा है कि वह आईपीईएफ के साथ 21वीं सदी की प्रतियोगिता जीतना चाहता है। यह पूरी तरह से दर्शाता है कि कार्य ढांचा सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सेवा करता है।

वांग ने कहा कि सालों से अमेरिका एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग से अनुपस्थित रहा है। वह ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) से हट गया और व्यापक और प्रगतिशील ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (सीपीटीपीपी) और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में भी शामिल नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, “यह सब पूरी तरह से अपने स्वार्थ के लिए किया जाता है। अमेरिका क्षेत्रीय सहयोग पहलों को स्वीकार करने के लिए एक चयनात्मक दृष्टिकोण अपना रहा है। अब अमेरिका ने आईपीईएफ का प्रस्ताव केवल अपने हितों को साधते हुए कुछ नया शुरू करने के लिये दिया है।”

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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