नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने बुधवार को उच्च न्यायालय के हॉकी इंडिया में उनके पद को ‘अवैध’ घोषित करने बाद घोषणा की कि वह राष्ट्रीय खेल संस्था के लिये होने वाले चुनावों में शीर्ष पद के दूसरे कार्यकाल के लिये नहीं लड़ेंगे।
बत्रा ने 2017 में हॉकी इंडिया के प्रतिनिधि (आजीवन सदस्य) के तौर पर आईओए पद के लिये नामांकन भरा था और आईओए अध्यक्ष चुने गये थे। लेकिन दिल्ली उच्च न्यायायल ने बुधवार को बत्रा के हॉकी इंडिया में पद को ‘अवैध’ घोषित किया क्योंकि यह राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं था।
अधिवक्ता अनिल सोनी से जब उच्च न्यायालय के फैसले पर पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने कहा कि हॉकी इंडिया में बत्रा का पद ‘अवैध’ था। ’’
पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और 1975 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य असलम शेर खान ने बत्रा की हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य के तौर पर नियुक्ति पर चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की थी।
आईओए के एक सूत्र ने कहा कि 2017 में चुनावों में नामांकन पत्र दाखिल करते हुए बत्रा को हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के कुछ घंटों के भीतर ही बत्रा ने बयान जारी किया कि वह आईओए चुनाव में दूसरे कार्यकाल के लिये नहीं लड़ेंगे।
बत्रा ने बयान में इस बात का जिक्र नहीं किया कि उन्होंने आईओए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है या नहीं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के प्रमुख के तौर पर और अधिक समय देने की आवश्यकता है।
आईओए के चुनाव पिछले साल दिसंबर में कराये जाने थे लेकिन अदालत में लंबित मामले के कारण इन्हें रोक दिया गया था।
उनकी इस घोषणा का मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की उनकी सदस्यता भी खत्म हो जायेगी क्योंकि यह पद उनकी आईओए अध्यक्षता से जुड़ा था।
बत्रा को 2019 में आईओसी सदस्य बनाया गया था।
बत्रा ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसे वक्त में जब विश्व हॉकी विकास के दौर से गुजर रहा है जिसमें हॉकी फाइव्स का प्रोमोशन, इस साल नये टूर्नामेंट – एफआईएच हॉकी नेशन्स कप- और खेल प्रेमियों को लुभाने के लिये मंच लांच करना और इसी तरह की गतिविधियां शुरू करना शामिल हैं, तो इन गतिविधियों के लिये एफआईएच के अध्यक्ष के तौर पर मुझे और समय चाहिए होगा। ’’
बत्रा ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, मैंने फैसला किया है कि मुझे आईओए अध्यक्ष के तौर पर अगले कार्यकाल के लिये चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। ’’
बत्रा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मेरे लिये इस भूमिका को छोड़ने का समय आ गया है ताकि नये विचारों वाला व्यक्ति इस पद को संभाले और भारतीय खेलों को और अधिक ऊंचाईयों तक ले जाये और 2036 ओलंपिक को भारत में लाने के लिये काम करे। ’’
वर्ष 2020 में आईओए उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने आईओसी को पत्र लिखकर बत्रा पर शीर्ष पद के चुनाव में अनियमिततायें करने और झूठी घोषणायें करने का आरोप लगाया था।
भाषा नमिता सुधीर
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