श्रीनगर, 25 मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने आतंकी साजिश के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा नवंबर 2020 में गिरफ्तार किये गये पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता वहीद पारा को बुधवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति संजीव कुमार एवं न्यायमूर्ति वी सी कौल की पीठ ने पारा को एक लाख रूपये के मुचलके पर जमानत प्रदान की और साथ ही पीडीपी नेता पर कई शर्तें भी लगाईं।
अदालत ने पारा को निर्देश दिया कि जब भी जरूरत होगी, वह जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे, मामले के जांच अधिकारी के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा करेंगे तथा निचली अदालत की पूर्वानुमति के बगैर जम्मू कश्मीर संघशासित क्षेत्र से बाहर नहीं जायेंगे।
पारा धारा 124 ए (राजद्रोह) के मामलों की सुनवाई पर उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थगन लगाने का लाभ पाने वाले शायद पहले शख्स हैं। उच्च न्यायालय ने इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के हाल के आदेश का हवाला भी दिया।
पीठ ने कहा , ‘‘ हमारा सुविचारित मत है कि यह अपील मंजूर करने के लायक है। उसी हिसाब से आदेश दिया जाता है।’’
अदालत ने कहा कि तद्नुसार , एनआईए (श्रीनगर) के विशेष न्यायाधीश के 20 जुलाई, 2021 के आदेश को दरकिनार किया जाता है एवं अपीलकर्ता को संबंधित मामले में जमानत दी जाती है।
अदालत ने कहा, ‘‘ श्रीनगर की केंद्रीय जेल के अधीक्षक को अपीलकर्ता को एक लाख रूपये का निजी बांड एवं उतनी ही राशि का मुचलका भरने के बाद रिहा करने का निर्देश दिया जाता है बशर्ते वह अन्य किसी मामले में लिप्त न हों।’’
वहीद पारा को नवंबर 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था।
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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