तिरुवनंतपुरम, 25 मई (भाषा) केरल की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मुसलमानों के विरूद्ध नफरत भरे भाषण देने के मामले में वरिष्ठ नेता पी सी जार्ज को मिली जमानत बुधवार को रद्द कर दी। जार्ज ने 29 अप्रैल को यह भाषण दिया था।
अदालत ने जार्ज को एक मई को मिली राहत को रद्द करने की पुलिस की अर्जी मंजूर कर ली। पुलिस ने दलील दी थी कि जार्ज ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया इसलिए उनकी जमानत रद्द करने के लायक है।
अदालत ने पुलिस की अर्जी पर जार्ज के वकील अजीत कुमार की राय जाननी चाही। कुमार ने कहा कि उनके मुवक्किल को नफरत भरे भाषण के एक अन्य मामले के सिलसिले में एर्नाकुलम जिले के पोलरिवत्तोम थाने में पेश होने को कहा गया और वह वहां जा रहे है।
जार्ज को केरल उच्च न्यायालय ने पोलारिवत्तोम थाने में दर्ज मामले में अग्रिम जमानत दी थी।
जब अदालत ने उनसे पूछा कि क्या उनके मुवक्किल अपनी जमानत को रद्द करने के विरूद्ध अपील करेंगे, कुमार ने कहा कि वह पहले कानून का पालन करेंगे एवं तब यह तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
पुलिस ने यह आरोप लगाते हुए जार्ज की जमानत रद्द करने की मांग की थी कि राहत मिलने के शीघ्र बाद ही जार्ज ने न्यायिक अधिकारी क्वाटर्स के सामने मीडिया को संबोधित किया एवं कहा कि उन्होंने अपने भाषण में जो कुछ कहा है , उसपर अब भी वह कायम हैं पुलिस ने कहा कि जार्ज द्वारा अपनी बात को सही ठहराना अपराध को दोहराना एवं सांप्रदायिक नफरत को और आगे बढ़ाना है।
पुलिस ने कहा था कि मजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानत देते हुए निर्देश दिया था कि आरोपी ऐसा कोई विवादित बयान नहीं देंगे जिससे दूसरों की धार्मिक भावनाएं आहत हों।
पुलिस ने जार्ज के विरूद्ध 29 अप्रैल को ‘अनंतपुरी हिंदू महासम्मेलनम’ में मुसलमानों के विरूद्ध कथित रूप से सांप्रदायिक भाषण देने को लेकर फोर्ट थाने में भादसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद उन्हें एक मई को गिरफ्तार किया था।
पूर्व विधायक जार्ज ने गैर मुसलमानों से मुसलमानों के रेस्तराओं में खाना-पीना बंद करने का आह्वान कर विवाद को जन्म दिया था। उनके विरूद्ध बाद में 10 मई को नफरत भरे भाषण को लेकर एक अन्य मामला दर्ज किया गया था।
भाषा राजकुमार नरेश
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