कोच्चि, 23 मई (भाषा) कैथोलिक बिशप परिषद ने सोमवार को आरोप लगाया कि केरल सरकार दक्षिणी राज्य में चरमपंथी गतिविधियों में शामिल संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनिच्छुक है और कथित तौर पर सांप्रदायिक संगठनों को खुश करने का ऐसा रवैया राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद हानिकारक है।
केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने बयान में एक घटना का उल्लेख किया जिसमें एक नाबालिग लड़के ने हाल ही में अलाप्पुझा में इस्लामी संगठन द्वारा आयोजित रैली में कथित रूप से भड़काऊ नारे लगाए और नारों में कथित तौर पर कहा गया था कि वे विरोध करने वालों को मारने में संकोच नहीं करेंगे।
संगठन का नाम लिए बिना, केसीबीसी ने कहा कि एक संगठन द्वारा आयोजित रैली के दौरान ऐसे नारे सुनकर केरल स्तब्ध है, संगठन पर चरमपंथी गतिविधियों का आरोप लगाया जाता रहा है।
केसीबीसी के प्रवक्ता फादर जैकब पलाकपिल्ली के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया, “यह एक रहस्य है कि सरकार ऐसी स्थिति में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार नहीं है।”
कथित भड़काऊ भाषण के लिये पुलिस जांच का सामना कर रहे केरल के वरिष्ठ नेता पीसी जॉर्ज का समर्थन करते हुए केसीबीसी ने कहा कि सरकार चरमपंथी संगठन से जुड़े सबसे गंभीर मुद्दों पर भी उचित कार्रवाई करने के प्रति अनिच्छुक है, लेकिन चरमपंथ के ऐसे कृत्यों के खिलाफ बोलने के आरोप में व्यक्ति को कैद करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
केसीबीसी ने कहा, “सांप्रदायिक संगठनों को खुश करने वाला इस तरह का रूख, राष्ट्रीय सुरक्षा और राज्य के भविष्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। सरकार को कानून के समक्ष सभी के साथ समान व्यवहार करने और अधिक गंभीर अपराधों की जांच करने और अनुचित महत्व दिए बगैर कार्रवाई करने के लिए तैयार रहना चाहिए।”
अलाप्पुझा में 21 मई को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘गणतंत्र बचाओ’ रैली के दौरान एक व्यक्ति के कंधे पर बैठे लड़के द्वारा भड़काऊ नारे लगाने के एक छोटे से वीडियो के सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित होने के बाद यह बयान जारी किया गया था।
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प्रशांत वैभव
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