नगांव (असम), 23 मई (भाषा) असम के नगांव जिले में भीड़ द्वारा एक थाने को आग लगाए जाने के एक दिन बाद ऐसे कई लोगों के घरों को बुलडोजर से ढहा दिया गया जिनपर आगजनी की घटना में शामिल होने का संदेह था। इसके अलावा ढहाए गए मकानों के नीचे से हथियार-गोलाबारूद और मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि 21 मई को सालनाबोरी गांव में एक स्थानीय निवासी सफीकुल इस्लाम की कथित हिरासत में मौत के बाद बटाद्रवा थाने में आग लगा दी गई थी। इसके बाद गांव के कई निवासियों के घरों को बुलडोजर के जरिये ध्वस्त कर दिया गया।
नगांव की पुलिस अधीक्षक लीना डोले ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”जब हम कल तलाशी अभियान के लिए गए तो हमें सूचना मिली कि आरोपियों ने घरों के अंदर आग्नेयास्त्र और अपराध में इस्तेमाल होने वाला अन्य सामान जमीन के नीचे दबा दिया है। इसलिए, हमें जमीन खाली करनी पड़ी और घरों को ध्वस्त कर दिया गया।”
उन्होंने कहा कि पुलिस को एक देशी रिवॉल्वर, नौ एमएम पिस्टल के चार कारतूस और घरों के अंदर जमीन में दबी 6,500 नाइट्रजेपम की गोलियां मिली हैं।
डोले ने कहा, ”इन लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड है। यहां तक कि उनके जमीन के दस्तावेज भी संदिग्ध हैं। हमने नगांव डीसी से जमीन के दस्तावेजों की पुष्टि के लिए पूरे इलाके का सर्वेक्षण करने को कहा है, क्योंकि ये फर्जी हो सकते हैं।”
वहीं, ग्रामीणों ने दावा किया कि इस्लाम के घर को भी ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि, जिला प्रशासन ने दावा किया कि उसने रविवार को गांव में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ बेदखली अभियान शुरू किया था।
विशेष पुलिस महानिदेशक जी. पी. सिंह ने कहा कि पुलिस स्टेशन में आगजनी में शामिल कई लोगों ने उस जमीन पर कब्जा कर रखा था, जिस पर वे रहते थे और स्वामित्व दिखाने के लिए उन्होंने जाली दस्तावेज बनवाए थे।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ”हमने मामला दर्ज कर जिला प्रशासन को सतर्क किया, जिसने बेदखली अभियान चलाया।”
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि जिला प्रशासन ने छह घरों को ध्वस्त कर दिया।
उन्होंने स्थानीय अधिकारियों पर इस्लाम के रिश्तेदारों के घरों को तोड़ने का भी आरोप लगाया।
पुलिस थाने में आगजनी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर रही है, जबकि इस्लाम की कथित हिरासत में मौत की अलग से जांच की जा रही है।
भाषा जोहेब नरेश
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