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Sunday, 17 November, 2024
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सपा की बैठक में शामिल नहीं हुए आजम और शिवपाल, बजट सत्र की रणनीति पर पार्टी की चर्चा

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लखनऊ, 22 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने से एक दिन पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) के मुख्यालय में रविवार को बुलाई गई विधायक दल की बैठक में पार्टी विधायक आजम खाँ और शिवपाल सिंह यादव शामिल नहीं हुए।

सपा मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों से तथ्यों और तर्कों के साथ जनहित के मुद्दों को उठाने की नसीहत दी।

आजम के बैठक में शामिल न होने पर सपा नेताओं ने कहा कि हाल ही में सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए आजम खाँ रामपुर में हैं और स्वास्थ्य कारणों से वह बैठक में शामिल नहीं हो सके।

रामपुर से सपा विधायक आजम के अलावा उनके बेटे एवं विधायक अब्दुल्ला आजम और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव भी विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। अब्दुल्ला आजम रामपुर जिले की स्वार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में विजयी हुये हैं।

सपा के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा ने बताया कि आजम स्वास्थ्य कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो सके। वह सोमवार को विधानसभा सदस्य के तौर पर पहले शपथ लेंगे और उसके बाद सत्र में भाग लेंगे।

गौरतलब है कि आजम खिलाफ रामपुर में जमीन हड़पने सहित 88 मामले दर्ज हैं और 20 मई को उच्चतम न्यायालय द्वारा धोखाधड़ी के एक मामले में अंतरिम जमानत देने के बाद उन्हें सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया था।

आजम के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर अपने सहयोगी (आजम) और मुस्लिम समुदाय की अनदेखी करने का आरोप लगाया था, जिससे समाजवादी पार्टी में दरार की अटकलें तेज हो गई थी।

समाजवादी पार्टी के नेतृत्व से आजम के नाखुश होने की अटकलों को तब और बल मिला जब जेल में रहते हुये उन्होंने सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा से मुलाकात नहीं की, लेकिन एक दिन बाद ही वहां कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम से मुलाकात की।

इसके बारे में सीतापुर जेल से रिहाई के बाद रामपुर पहुंचे आजम खाँ से जब शुक्रवार को पत्रकारों ने सवाल किया कि आप सपा के प्रतिनिधिमंडल से क्यों नहीं मिले तो उन्होंने कहा था कि मेरी तबीयत ठीक नहीं थी।

शिवपाल यादव की गैरमौजूदगी के बारे में मेहरोत्रा ने कहा कि उन्होंने सपा के चुनाव चिन्ह (साइकिल) पर विधानसभा चुनाव जीता है लेकिन वह एक पार्टी के मुखिया भी हैं और पहले भी वह बैठक में शामिल नहीं हुए थे।

इस बीच, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि सपा विधानमंडल दल की बैठक में सोमवार को शुरू हो रहे विधान मंडल के बजट सत्र को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई।

उन्होंने बताया कि विधायक दल की बैठक में कम से कम 35 दिनों तक सत्र को चलाए जाने की मांग की गई, क्योंकि पांच या छह दिन के सत्र में आम जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकेगी। बजट सत्र लम्बा चलना चाहिए ताकि विस्तार से बजट पर चर्चा हो।

चौधरी ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी कानून व्यवस्था बेलगाम महंगाई राशन कार्डो की वापसी बढ़ते विद्युत संकट गरीबों के उत्पीड़न महिलाओं और बच्चियों के साथ अपराध तथा मुठभेड़ की फर्जी वारदात समेत विभिन्न मुद्दों पर सदन में विशेष चर्चा कराने की मांग करेगी।

चौधरी ने बताया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बैठक में अपने संबोधन में कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा की खराब नीतियों के चलते जनता तबाह है, किसानों से सम्मान राशि वापस ली जा रही है और प्रदेश में विकास अवरुद्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि विगत पांच वर्षों में भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा दिया है।

यादव ने कहा कि भाजपा जनता से जुड़े मुद्दों का सामना नहीं करना चाहती है और उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र पर तानाशाही थोपने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने नैतिकता को त्याग दिया है और जनता को भ्रमित करने के लिए ज्ञानवापी का मुद्दा उछाला जा रहा है।

भाषा आनन्द सलीम रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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