नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) उद्योग जगत, कारोबारियों और निर्यातकों ने वाहनों में इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधनों पर उत्पाद शुल्क घटाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करने के साथ राज्यों से इसी तर्ज पर उपभोक्ताओं को और राहत देने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल के दामों में कटौती से परिवहन लागत घटेगी और मुद्रास्फीति भी कम होगी।
उद्योग मंडल सीआईआई के अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा, ‘‘ईंधन पर उत्पाद शुल्क घटाने के सरकार के कदम का सीआईआई स्वागत करता है, इससे मुद्रास्फीति नीचे आएगी। सरकार का त्वरित कदम आम आदमी पर भार कम करने का इरादा दर्शाता है, इसके साथ ही कई क्षेत्रों में निर्माण लागत में भी कमी आएगी।’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार का अनुसरण करते हुए राज्य सरकारें भी ऐसे कदम उठाएंगी जिससे लोगों को और राहत मिलेगी।
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने ट्वीट करके पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती समेत ‘‘मुद्रास्फीति कम काम करने के लिए उठाए गए कदमों’’ के लिए सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इन कदमों का मुद्रास्फीति को कम करने के लिहाज से सकारात्मक असर पड़ेगा।
कारोबारियों के संगठन ‘द कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (सीएआईटी) ने कहा कि ईंधन के दामों में कटौती से दैनिक उपयोग की वस्तुओं में औसतन 10 फीसदी की कमी आएगी और कच्चे माल का परिवहन सस्ता होने से अन्य जिसों के दाम भी कम होंगे।
सीएआईटी ने राज्यों से भी वैट की दरें कम करने का अनुरोध किया ताकि जनता को मुद्रास्फीति से खासी राहत मिल सके।
उद्योग चैंबर पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा कि राज्यों को भी आगे आकर उत्पाद शुल्क घटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि को बनाए रखने के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों का दीर्घकालिक असर होगा।
निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि इन कदमों से कच्ची सामग्री की घरेलू कीमतों में कमी आएगी।
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मानसी प्रेम
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