नई दिल्ली: अनचाही या प्रमोशनल कॉल ने लोगों को खासा परेशान किया हुआ है. मंगलवार को एक ऑनलाइन सर्वे में खुलासा किया गया कि लगभग 64% भारतीयों को औसतन हर दिन तीन या इससे ज्यादा स्पैम कॉल आती हैं.
कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल द्वारा किए गए सर्वे में यह भी पाया गया कि जिन उत्तरदाताओं ने डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) लिस्ट के लिए खुद को रजिस्टर किया हुआ है, ऐसे 95% मोबाइल यूजर्स के नंबर पर भी अनचाही कॉल्स आती रहती हैं.
सर्वे में शामिल 37,000 उत्तरदाताओं में से 37% यानी 9,623 ने कहा कि उन्हें हर दिन 3-5 प्रचार कॉल आती हैं, 18% ने एक दिन में लगभग 6-10 स्पैम कॉल आने की शिकायत की और 9% ने कहा कि वे हर दिन औसतन 10 से अधिक कॉल से परेशान हैं.
ज्यादातर अनचाही कॉल फाइनेंशियल सर्विस (51%), रियल एस्टेट (29%), पैथोलॉजी सेवाएं (8%), फोन डेटा प्लान, जॉब (3%) और ब्यूटी-स्पा सर्विस(1%) ऑफर्स से जुड़ी होती हैं.
पिछले दिसंबर में कॉलर आईडी ऐप ‘ट्रूकॉलर’ ने अपनी वार्षिक ग्लोबल स्पैम रिपोर्ट जारी की थी. उसके मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा स्पैम कॉल जिन देशों में आते हैं उनमें भारत भी है. यहां एक महीने में औसतन हर यूजर के पास तकरीबन 17 स्पैम कॉल आती हैं.
लोकलसर्किल सर्वे ने बताया कि इन कॉल्स से परेशान भारतीय अक्सर दो तरह से स्पैम कॉल का जवाब देते हैं. वो कॉल पिक करके उस नंबर को ब्लॉक कर देते हैं या दोबारा फोन न करने को कह देते हैं.
सर्वे के उत्तरदाताओं ने सुझाव दिया कि सरकार एक सिस्टम के जरिए एक ‘केंद्रीकृत नंबर’ पर स्पैम कॉल/संदेश भेजकर स्पैम कॉल को कम करने में मदद कर सकती है. देश का संचार विभाग तब टेलीकॉम सर्विस से संपर्क करके सेंडर की जानकारी ले सकता है और उसे जुर्माना नोटिस भेज सकता है.
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