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Wednesday, 20 November, 2024
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कोविड-19 से निपटने में उत्तर कोरिया की मदद के लिए प्रतिबद्ध: डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक

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नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उत्तर कोरिया में कोविड-19 की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए महामारी से निपटने में देश का सहयोग करने की सोमवार को अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

उत्तर कोरिया में सोमवार को कोविड से आठ लोगों की मौत हुई और 392,920 लोगों में बुखार के लक्षण सामने आए। देश के आपातकालीन वायरस रोधी मुख्यालय के अनुसार, अप्रैल के अंत से बुखार फैलने से 12 लाख से अधिक लोग बीमार पड़ चुके हैं। लगभग 5,64,860 लोग पृथक-वास में हैं।

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ चिंतित है और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम) सरकार और लोगों को महामारी से निपटने में तथा उनकी जान बचाने में सहयोग करने के लिए तैयार है।’’

लोगों की मौत और बुखार से पीड़ित होने की उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘केसीएनए’ की खबर पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम जांच को बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान कर, संक्रमण जैसे मामलों के प्रबंधन को मजबूत कर तथा आवश्यक चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति कर अपने सदस्य देश की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

डब्ल्यूएचओ महामारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (आईएचआर) के लिए देश की ओर से निर्धारित व्यक्ति से जानकारी की प्रतीक्षा कर रहा है। सिंह ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कोविड-19 के लिए अपनी राष्ट्रीय रणनीतिक तैयारियों और इससे निपटने की योजना को विकसित करने में देश का सहयोग किया था।

सिंह ने कहा, ‘‘देश में अब तक कोविड-19 टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है इसलिए जब तक वायरस की रोकथाम के लिए तत्काल और उचित कदम नहीं उठाए जाते तब तक वायरस के लोगों के बीच तेजी से फैल सकने का खतरा है।’’

डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक ने जोर देते हुए कहा कि सभी देशों को, चाहे उनकी कोविड-19 स्थिति कुछ भी हो, टीकाकरण शुरू करना चाहिए जो गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचाता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य निकाय कोवैक्स पहल के माध्यम से उपलब्ध कोविड-19 टीकों पर आवश्यक जानकारी प्रदान करके राष्ट्रीय अधिकारियों के साथ काम करना जारी रखता है।

उन्होंने कहा कि महामारी खत्म नहीं हुई है और ‘‘हर देश को सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को लागू करना चाहिए तथा कोविड-19 रोधी टीकों के साथ अपनी आबादी की रक्षा करनी चाहिए तथा संवेदनशील आबादी जैसे स्वास्थ्य कर्मियों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों को प्राथमिकता देना चाहिए।’’

भाषा सुरभि सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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