नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) रोश फार्मा ने देश में स्तन कैंसर के इलाज के लिए दवा पेश की है। फार्मा कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
कंपनी ने फेस्गो नाम से यह दवा पेश की है, जिसे दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी – परजेटा और हरसेप्टिन – को हयालुरॉनिडेज के साथ मिलाकर तैयार किया गया है।
यह पहली बार है कि रोश ने दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को एक साथ मिलाया है, जिसे एक इंजेक्शन के जरिए मेटास्टेटिक स्तन कैंसर के मरीज को दिया जाता है। कंपनी ने कहा कि इससे उपचार में लगाने वाले समय में 90 प्रतिशत तक कमी होगी।
रोश फार्मा इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक वी सिम्पसन इमैनुएल ने कहा, ‘‘फेस्गो एक अग्रणी दवा है, जो स्तन कैंसर से पीड़ित रोगियों के इलाज में लगने वाले समय को कम करेगी और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगी।’’
उन्होंने कहा कि मरीज और उनकी देखभाल करने वालों को अब अस्पताल में कम समय बिताना होगा।
फेस्गो को पहली बार अमेरिकी दवा प्रशासक यूएसएफडीए ने कोविड महामारी के दौरान जून, 2020 में मंजूरी दी थी। इसे दिसंबर, 2020 में यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) की मंजूरी मिली।
भारत में फेस्गो को डीसीजीआई ने अक्टूबर, 2021 में मंजूरी दी और इसे जनवरी, 2022 में आयात लाइसेंस मिला।
दवा कंपनी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर दिसंबर, 2021 तक 17,000 से अधिक स्तन कैंसर के रोगियों ने फेस्गो से लाभ उठाया है।
भाषा पाण्डेय अजय
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