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Monday, 30 September, 2024
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कानूनी मामलों पर प्रतिवर्ष तीन करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रहा है एआईएफएफ : शाजी प्रभाकरण

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नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) फुटबॉल दिल्ली के अध्यक्ष शाजी प्रभाकरण ने दावा किया है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) कानूनी मामलों से निबटने के लिये प्रतिवर्ष तीन करोड़ रुपये से अधिक खर्च करता है और उन्होंने कहा कि कानूनी मामलों पर इतनी बड़ी धनराशि को खर्च करना उचित नहीं है।

एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को लिखे पत्र में प्रभाकरण ने जल्द से जल्द महासंघ के चुनाव कराने का आग्रह करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय में 2017 से लंबित चुनाव संबंधी मामलों में वर्तमान कानूनी टीम किसी तरह की प्रगति नहीं करवा पायी है।

प्रभाकरण ने सात मई को भेजे गये पत्र में लिखा है, ‘‘हमें दूसरी राय लेने पर पैसा खर्च नहीं करना चाहिए, इसके बजाय हमें वर्तमान कानूनी बजट के 10 प्रतिशत की धनराशि में नयी कानूनी टीम नियुक्त करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कानूनी मामलों पर तीन करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक खर्च बहुत अधिक है और यह एआईएफएफ के लिये उचित नहीं है। कानूनी बजट को कम करके काफी पैसा बचाया जा सकता है जिसका उपयोग राष्ट्रीय युवा चैंपियनशिप, युवा लीग और युवा राष्ट्रीय टीम पर खर्च किया जाना चाहिए।’’

प्रभाकरण ने कहा, ‘‘वर्तमान कानूनी टीम ने पिछले तीन वर्षों में कोई प्रगति नहीं की है। (यदि) आप व्यक्तिगत रूप से इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहते हैं, तो वकीलों की नयी टीम नियुक्त करके उन्हें मामले को निबटाने के लिये अधिकतम तीन महीने का समय दिया जाना चाहिए।’’

एआईएफएफ ने कोलकाता में इस महीने के शुरू में हुई कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व में गठित तीन सदस्यीय समिति के रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद चुनाव कराने के संबंध में किसी वरिष्ठ अधिवक्ता की राय लेने का फैसला किया था।

पटेल ने दिसंबर 2020 में एआईएफएफ अध्यक्ष के रूप में अपने तीन कार्यकाल और 12 साल पूरे कर लिये हैं। राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत कोई व्यक्ति अधिकतम इतने ही समय तक किसी खेल महासंघ का अध्यक्ष रह सकता है।

एआईएफएफ ने हालांकि चुनाव नहीं कराये और इसके लिये उसने उच्चतम न्यायालय में लंबित एक याचिका का हवाला दिया था।

भाषा पंत सुधीर

सुधीर

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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