नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि सरकार ने ऑनलाइन कैब सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ओला और उबर की मंगलवार को बैठक बुलाई है। इसमें किराये की गणना, अधिक कीमत (सर्ज प्राइस), यात्रा रद्द करने और ग्राहक संबंधी डेटा की सुरक्षा के लिए उनके द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बात की जाएगी।
कैब सेवा प्रदाताओं के खिलाफ उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए यह बैठक बुलाई गई है। ये शिकायतें व्यापार में कथित अनुचित आचरण से जुड़ी हैं। इसका एक उदाहरण यह है कि कैब ड्राइवर यात्रा पर जाने से इनकार करने की स्थिति में उपभोक्ताओं को बुकिंग रद्द करने और जुर्माना वहन करने के लिए मजबूर करते हैं।
सिंह ने मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘हमने कैब सेवा प्रदाताओं से यात्रा रद्द करने पर लगने वाला जुर्माना, सर्ज प्राइस और किराये की गणना के बारे में जानकारी मांगी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह भी पूछा है कि एक स्थल से दूसरे स्थल पर जाने के लिए अलग-अलग लोगों से भिन्न शुल्क क्यों वसूला जाता है।’’
मंत्रालय इन कंपनियों से यह भी पूछेगी कि उन्होंने अपने मंचों पर ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं या नहीं।
सिंह ने कहा, ‘‘हमने यह जानकारी मांगी है। हम इस बारे में उनसे चर्चा करेंगे और उसके बाद ही कोई कदम उठाएंगे।’’
पिछले हफ्ते केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा था कि ओला एवं उबर जैसी कैब सेवा कंपनियों के बारे में ग्राहकों से बढ़ा-चढ़ाकर कीमतें तय करने और मनमाने ढंग से बुकिंग रद्द कर देने जैसी कई शिकायतें मिली हैं।
उन्होंने उपभोक्ताओं से मिली कुछ शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा था कि कैब ड्राइवर खुद यात्री को ले जाने से इनकार करते हैं और उपभोक्ताओं को यात्रा रद्द करने और जुर्माना वहन करने के लिए मजबूर करते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये कैब कंपनियां अपने मौजूदा ग्राहकों से बढ़ी हुई दर पर शुल्क ले रही हैं जबकि नए ग्राहकों को कम कीमत पर सेवाएं देकर लुभाने की कोशिश करती हैं।
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