नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) भारत ने चीन, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया से एक खास तरह के ऑप्टिकल फाइबर के आयात को लेकर डंपिंग रोधी जांच शुरू की है। यह जांच एक घरेलू कंपनी की शिकायत दर्ज कराने के बाद शुरू की गई है।
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) इन तीन देशों में उत्पन्न या निर्यात किए गए ‘डिस्पर्शन अनशिफ्टेड सिंगल-मोड ऑप्टिकल फाइबर’ की कथित डंपिंग की जांच कर रहा है।
इस उत्पाद का उपयोग विभिन्न प्रकार के केबल के निर्माण मसलन ऑप्टिकल फाइबर, टाइट बफर केबल, कवर और बिना कवर वाले केबल इत्यादि।
सिंगल-मोड ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल मुख्य रूप से ऊंचे-डेटा-रेट, लंबी दूरी और एक्सेस नेटवर्क परिवहन के लिए होता है।
बिड़ला फुरुकावा फाइबर ऑप्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने घरेलू उद्योग की ओर से डंपिंग रोधी जांच शुरू करने के लिए आवेदन दिया था।
डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा है कि आवेदक ने आरोप लगाया है कि इन देशों से ऑप्टिकल फाइबर की डंपिंग के कारण घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है।
निदेशालय ने कहा कि घरेलू उद्योग द्वारा उचित रूप से लिखित शिकायत और डंपिंग के बारे में पेश शुरुआती प्रमाण के आधार पर डीजीटीआर जांच शुरू करते हैं।
अगर यह साबित हो जाता है कि डंपिंग से घरेलू कंपनियों को वास्तविक क्षति हुई है, तो डीजीटीआर इस तरह के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा। इसे लागू करने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है।
भाषा रिया रिया अजय
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