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Wednesday, 20 November, 2024
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इंदौर में भीषण आग से पति-पत्नी समेत सात लोगों की मौत, अग्निशमन दल पर देर से पहुंचने का आरोप

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इंदौर (मप्र), सात मई (भाषा) मध्य प्रदेश के इंदौर में घनी बसाहट वाले इलाके में तीन मंजिला रिहायशी इमारत में शनिवार तड़के भीषण आग लगने से एक दम्पति समेत सात लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ अन्य व्यक्ति घायल हो गए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अग्निकांड पर शोक जताया है और घटना की विस्तृत जांच के साथ ही इसमें मारे गए लोगों के शोकसंतप्त परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने के आदेश दिए हैं।

उधर, चश्मदीदों का आरोप है कि विजय नगर क्षेत्र में तंग गलियों वाली स्वर्ण बाग कॉलोनी की रिहायशी इमारत में भीषण लपटों और गहरे काले धुएं से घिरे लोगों की मदद के लिए अग्निशमन दल काफी देर से मौके पर पहुंचा।

मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट करके कहा, ‘‘इंदौर में आग लगने की घटना में (सात लोगों की) मौत की खबर अत्यंत हृदय विदारक है। मैंने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे।’’

इस बीच, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) संपत उपाध्याय ने बताया कि रिहायशी इमारत के अग्निकांड में मारे गए सात लोगों में ईश्वर सिंह सिसोदिया और उनकी पत्नी नीतू सिसोदिया शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह दम्पति इमारत के फ्लैट में किराए पर रहते थे क्योंकि इसके सामने ही उनका मकान बन रहा था।

उपाध्याय ने बताया कि अग्निकांड में एक अन्य महिला की भी मौत हुई है जिसकी पहचान आकांक्षा के रूप में हुई है। डीसीपी ने बताया कि इमारत की तीनों मंजिलों पर अलग-अलग फ्लैट बने हुए थे और अग्निकांड में हताहत लोग इनमें किराए पर रहते थे। उन्होंने बताया कि सभी हताहतों की उम्र 25 से 45 साल के बीच है।

डीसीपी ने बताया, ‘‘इमारत की निचली मंजिल का मुख्य दरवाजा और ऊपरी मंजिलों की ओर जाने वाली सीढ़ियां भीषण लपटों और गहरे धुएं से घिरी थीं, जबकि तीसरी मंजिल से छत को जाने वाला दरवाजा जलकर बेहद गर्म हो गया था। इससे घटना के दौरान ज्यादातर लोग इमारत में फंसे रह गए। हालांकि, कुछ लोगों ने अपने फ्लैट की बालकनी में आकर जान बचाई।’’

अग्निकांड के बाद मौके पर जुटे चश्मदीदों में शामिल अक्षय सोलंकी ने बताया, ‘‘अग्निकांड के बाद इमारत से दो-तीन लाशें ऐसी निकाली गईं जो जलकर लगभग कंकाल में बदल गई थीं जबकि कुछ अन्य लोगों का दम घुट चुका था। अग्निशमन दल ने मौके पर पहुंचने में काफी समय लगा दिया। अगर यह दल सही समय पर आता, तो इन लोगों की जान बच सकती थी।’’

सोलंकी के मुताबिक अग्निकांड के वक्त कुछ लोगों ने इमारत से कूद कर अपनी जान बचाई।

अग्निकांड के कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें अग्निशमन दल के मौके पर पहुंचने से पहले, भीषण लपटों और गहरे काले धुएं से घिरी इमारत में बिजली के तारों से चिंगारी निकलती नजर आ रही है और चीख-पुकार के बीच इमारत के बाहर जुटे पड़ोसी बाल्टियों से पानी छिड़ककर आग बुझाने की नाकाम कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं।

विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने माना कि स्वर्ण बाग कॉलोनी की तंग गलियों के कारण अग्निशमन दल को मौके पर पहुंचने में काफी परेशानी हुई। उन्होंने हालांकि कहा, ‘‘अग्निशमन दल ने रिहायशी इमारत में फंसे लोगों को बाहर निकाला और आग पर काबू पाया। इस दल के प्रयासों के कारण ही आग की लपटें पास की इमारतों तक नहीं पहुंच सकी।’’

थाना प्रभारी ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि इमारत की निचली मंजिल में पार्किंग के पास लगे बिजली के मीटर में शॉर्ट सर्किट के कारण शनिवार तड़के तीन से चार बजे के बीच आग लगी। उन्होंने बताया, ‘‘आग की शुरुआत पार्किंग में खड़ी गाड़ियों से हुई और इसके बाद लपटें संकरी सीढ़ियों से होते हुए इमारत की ऊपरी मंजिल की ओर बढ़ने लगीं।’’

काजी के अनुसार, हादसे में जिन सात लोगों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर की जान धुएं से दम घुटने के कारण गई। चश्मदीदों के अनुसार घनी बसाहट वाली स्वर्ण बाग कॉलोनी की रिहायशी इमारत में आग से बचाव के जरूरी इंतजाम नहीं थे। इस बारे में पूछे जाने पर पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि इमारत के मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

भाषा हर्ष मनीषा सुरभि

सुरभि

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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