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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशदिल्ली में यमुना में अमोनिया के स्तर में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं : सीपीसीबी का अध्ययन समूह

दिल्ली में यमुना में अमोनिया के स्तर में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं : सीपीसीबी का अध्ययन समूह

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नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा गठित एक अध्ययन समूह ने कहा है कि 2016 से 2020 तक दिल्ली में यमुना नदी में अमोनियायुक्त नाइट्रोजन की मात्रा में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ।

यमुना के पानी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण अक्सर राजधानी में पानी की आपूर्ति बाधित होती है। सीपीसीबी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (एनडब्ल्यूएमपी) के तहत 30 स्थानों पर यमुना के पानी की गुणवत्ता की निगरानी करता है।

एनडब्ल्यूएमपी के तहत तैयार आंकड़ों के आधार पर अध्ययन समूह ने निष्कर्ष निकाला है कि नदी के पानी में अमोनियायुक्त नाइट्रोजन की सांद्रता सर्दियों के मौसम (नवंबर से मार्च) के दौरान मुख्य रूप से जनवरी में बढ़ जाती है।

समूह ने हरियाणा में पानीपत और सोनीपत को उच्च अमोनियायुक्त नाइट्रोजन स्तर के संबंध में ‘हॉटस्पॉट’ के रूप में भी चिह्नित किया है। अध्ययन समूह द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘दिल्ली में निगरानी वाले स्थानों पर पांच साल की अवधि में अमोनियायुक्त नाइट्रोजन सांद्रता के संबंध में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है।’’

दिल्ली जल बोर्ड वजीराबाद जलाशय से यमुना का पानी चंद्रावल और वजीराबाद जल शोधन संयंत्रों में शोधित करने के लिए भेजता है। इसके बाद शोधित पानी की आपूर्ति पूर्वोत्तर दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, मध्य दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, दिल्ली छावनी और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद क्षेत्रों में की जाती है।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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