नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के कई हिस्सों में बिजली कटौती के बीच सोमवार को कोयला, बिजली और रेल मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, बिजली मंत्री आर के सिंह सहित संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बैठक के दौरान शाह ने अन्य मुद्दों समेत बिजली उत्पादन संयंत्रों को कोयला आपूर्ति की समीक्षा की।
केंद्रीय गृह मंत्रालय केंद्र और राज्यों के बीच कई मुद्दों पर ‘समवन्य’ का काम करता है।
देश के कई राज्य पिछले सप्ताह से बिजली के गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में ताप बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी हैं।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक मई तक केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की निगरानी वाले 164 गीगावॉट की कुल उत्पादन क्षमता के 147 नॉन-पिटहेड (कोयले खानों से दूर स्थित) ताप बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार मानक या सामान्य स्तर का 26 प्रतिशत था।
आंकड़ों के अनुसार, रविवार तक कोयला खानों से दूर स्थित बिजली संयंत्रों के पास 57,236 हजार टन के मानक स्तर के मुकाबले 14,664 हजार टन कोयले का भंडार था।
नॉन-पिटहेड ताप बिजलीघर कोयलों खानों से काफी दूर होते हैं और इन संयंत्रों में कोयला भंडार काफी महत्व रखता है।
राष्ट्रीय ग्रिड परिचालक पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पीओएसओसीओ) के आंकड़ों के मुताबिक, देश में बिजली की खपत अप्रैल में सालाना आधार पर 13.6 प्रतिशत बढ़कर 132.98 अरब यूनिट (बीयू) हो गई। गर्मी की शुरुआत और आर्थिक गतिविधियों में तेजी के चलते यह बढ़ोतरी हुई।
पिछले साल अप्रैल में बिजली की खपत 117.08 बीयू थी, जबकि 2020 के इसी महीने में यह आंकड़ा 84.55 बीयू था।
दूसरी ओर इस साल अप्रैल में बिजली की पूरी की गई अधिकतम मांग गत शुक्रवार को 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। पिछले साल सात जुलाई, 2021 को अधिकतम मांग 200.53 गीगावॉट रही थी।
बृहस्पतिवार को अधिकतम मांग 204.65 गीगावॉट और बुधवार को 200.65 गीगावॉट रही थी।
भाषा जतिन अजय
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