जयपुर, 26 अप्रैल (भाषा) राजस्थान सूचना आयोग ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के दो अधिकारियों पर अलग-अलग मामलों में दस दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने तीन अन्य मामलों में अधिकारियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है।
आयोग ने अधिकारियों के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कानून के प्रति सरकारी मशीनरी की यह बेरुखी नागरिको के हक़ और हितो पर चोट करती है।
सूचना आयोग ने हनुमानगढ़ में जिला परिषद के मुख्य कर्यकारी अधिकारी पर 10 हजार रूपये जुर्माना लगाया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कहा कि प्रशासन ने ढाई साल तक सूचना आवेदन की अनदेखी की है।
उन्होंने कहा कि आयोग ने अधिकारी को अपना पक्ष रखने के कई अवसर दिए, लेकिन न तो वे हाजिर हुए ,न ही अपना जवाब पेश किया।
इसी तरह बारेठ ने बीकानेर जिले में खाजूवाला के विकास अधिकारी पर भी 10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। परिवादी ने आयोग में अपील पेश कर आरोप लगाया कि उन्हें विभिन्न योजनाओं में हुए विकास कार्यों की जानकारी नहीं दी जा रही है।
बारेठ ने सुनवाई के दौरान कहा यह गंभीर मामला है, क्योंकि दो साल से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी अधिकारी ने सूचना आवेदन की सुध नहीं ली।
वहीं, आयोग ने चित्तौड़ गढ़ के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी, बांसवाड़ा के जिला परिवहन अधिकारी तथा गंगानगर के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पर अलग अलग मामलों पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की यह राशि अधिकारियों के वेतन से वसूली जाएगी।
भाषा कुंज पृथ्वी धीरज
धीरज
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.