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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशBJP ने केजरीवाल के प्रचार से चिंतित अपनी गुजरात इकाई से कहा- ‘AAP को ज़्यादा गंभीरता से मत लीजिए’

BJP ने केजरीवाल के प्रचार से चिंतित अपनी गुजरात इकाई से कहा- ‘AAP को ज़्यादा गंभीरता से मत लीजिए’

गुजरात BJP नेताओं ने इसी साल होने वाले असेम्बली चुनावों से पहले राज्य प्रभारी भूपेंदर यादव से सूबे में AAP की संभावनाओं के बारे में बात की है.

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नई दिल्ली: लगता है कि पंजाब में हालिया जीत हासिल करके आप ने बीजेपी को चिंता में डाल दिया है कि ये अनुभवहीन पार्टी गुजरात के उसके गढ़ में पांव जमाने की कोशिश कर रही है- वो राज्य जो 25 वर्षों से उसकी पकड़ में है.

बीजेपी की मुख्य चिंता ये है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी गुजरात में अपने ‘दिल्ली मॉडल’ को आगे बढ़ा रही है, जहां इसी साल चुनाव होने जा रहे हैं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक़ इससे ‘बहुत सी शहरी सीटों के नतीजों पर असर पड़ सकता है’, और बीजेपी के गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव को इन चिंताओं से अवगत करा दिया गया है.

आप के एजेण्डा में गुजरात उन राज्यों में है जहां उसकी राष्ट्रीय विस्तार की महत्वाकांक्षाएं हैं. इसी महीने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार को तेज़ी से शुरू करने के लिए गुजरात गए थे. अहमदाबाद में उन्होंने लोगों से उनकी पार्टी को ‘एक मौक़ा’ देने की अपील की.

पिछले साल सूरत नगर पालिका चुनावों में 120 में से 27 सीटें जीतकर आप बीजेपी के प्रमुख विपक्ष के रूप में उभर कर सामने आई थी.

पिछले सप्ताह गुजरात के एक छोटे से दौरे पर गए यादव ने, राज्य में बीजेपी कोर ग्रुप के साथ दो दिन तक बातचीत की. उनका उद्देश्य राजनीतिक माहौल का जायज़ा लेना और असेम्बली चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश इकाई तथा सरकार के बीच तालमेल को सुधारना था.

पार्टी महासचिव, उपाध्यक्ष, पदाधिकारियों और प्रवक्ताओं के अलावा उन्होंने सीएम भूपेंद्र पटेल तथा उनके मंत्रियों के साथ भी बातचीत की.

बैठक में मौजूद रहे एक नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘कुछ नेताओं ने एक चुनौती के रूप में उभरती आप का मुद्दा उठाया और कहा कि केजरीवाल के राज्य के दौरे ने उनके ‘दिल्ली मॉडल’ के प्रदर्शन पर बहस शुरू कर दी है. उन्होंने आम लोगों का ध्यान आकर्षित किया है, और मीडिया में बड़े पैमाने पर जगह बनाई है, जो गुजरात के लिए सामान्य नहीं है.’

सूत्रों ने कहा कि यादव ने फिलहाल चिंताओं को ख़ारिज कर दिया है. उनका ये कहते हुए हवाला दिया गया है, ‘माहौल बीजेपी के पक्ष में है और आप को ज़्यादा गंभीरता से लेने की ज़रूरत नहीं है. ज़रूरत इस बात की है कि प्रदेश संगठन की ताक़त पर फोकस किया जाए और पीएम नरेंद्र मोदी तथा गुजरात सरकार द्वारा किए गए कार्यों को उजागर करने के लिए, लाभार्थी मतदाताओं तक पहुंचा जाए.’


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AAP ने नैरेटिव तैयार किया

गुजरात में आप बेरोज़गार युवाओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए शिक्षा, स्कूलों की ऊंची फीस, बेरोज़गारी, और पिछले साल गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (जीएसएसएसबी) के परीक्षा पेपर लीक के मामलों को उजागर कर रही है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने पंजाब समकक्षी भगवंत मान के साथ मिलकर, गुजरात दौरे के दौरान भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया और कहा कि ‘आप भ्रष्टाचार को ख़त्म कर देगी जैसा उसने दिल्ली और पंजाब में किया है’.

दोनों नेताओं ने अहमदाबाद में एक रोड शो किया, शहर में पार्टी के कोर ग्रुप के साथ मुलाक़ात की, और स्वामी नारायण मंदिर तथा गांधी आश्रम का दौरा किया.

एक आप नेता ने दिप्रिंट से कहा: ‘युवाओं के बीच भारी असंतोष है-कोई रोजगार नहीं है और परीक्षाओं के परचे लीक हो रहे हैं. इन परीक्षाओं की तैयारी में युवाओं के कई वर्ष बेकार चले जाते हैं. उनका भविष्य दाव पर लगा है’.

आप नेता ने कहा कि ये ‘पिछले 25 सालों में बीजेपी का विकास मॉडल रहा है’. नेता ने आगे कहा, ‘हम पेरेंट्स से कह रहे हैं कि अगर वो चाहते है कि शिक्षा और रोज़गार के मुद्दों से इस तरह निपटा जाए जैसा दिल्ली में होता है, तो गुजरात में आप को एक मौक़ा दें’.

परीक्षा पेपर लीक मामले में आप ने जीएसएसएसबी अध्यक्ष असित वोरा के इस्तीफे की मांग की है, जो अहमदाबाद के पूर्व मेयर और एक बीजेपी नेता हैं. पिछले साल जब पेपर लीक का मामला ख़बरों में आया, तो आप ने गांधीनगर में बीजेपी कार्यालय पर धरना भी दिया, और इस मुद्दे पर एक अनिश्चितकालीन उपवास का ऐलान किया.

गुजरात में पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की है और आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने परीक्षा का पर्चा कथित रूप से अहमदाबाद की एक प्रिंटिंग प्रेस के किसी स्टाफ सदस्य से लिया था.

इस बीच, यूट्यूबर और आप युवा विंग के नेता युवराज सिंह जडेजा सक्रियता के साथ, गुजरात में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं का पर्दाफाश कर रहे हैं, जिसके नतीजे में पिछले कुछ महीनों में क्लर्कों की भर्ती की दो परीक्षाएं रद्द कर दी गईं.

उन्होंने ये आरोप लगाया कि वन रक्षकों की परीक्षा का परचा भी लीक हुआ था- जिसका गुजरात सरकार ने खंडन किया है. इस महीने जडेजा को गुजरात पुलिस ने एक पुलिसकर्मी पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

सोमवार को आप महासचिव मनोज सोराथिया ने गुजरात के निजी स्कूलों में फीस वृद्धि के खिलाफ, गुजरात असेम्बली के बाहर एक प्रदर्शन की अगुवाई की.

2021 के सूरत नगरपालिका चुनावों में अपनी कामयाबी से पार्टी का उत्साह बढ़ा हुआ है, जहां उसने 27 सीटें जीतकर कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया, जिसके हाथ एक भी सीट नहीं लगी. आप को सूरत में 28 प्रतिशत वोट मिले और गांधीनगर नगरपालिका चुनावों में उसका वोटशेयर 21 प्रतिशत रहा, हालांकि यहां पर वो केवल एक सीट जीत पाई.

‘AAP केवल कांग्रेस को नुक़सान पहुंचा सकती है, BJP को नहीं’

आप की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर एक बीजेपी नेता ने कहा कि आप ने अपना आधार मज़बूत करने के लिए शहरों में पेशेवर लोगों को तैनात किया है, और पार्टी भले ही ग्रामीण पट्टी में सफल न हो पाए, लेकिन शहरों में अपना असर डालकर वो युवाओं को आकर्षित कर सकती है’.

अन्य पार्टी नेताओं ने इसपर खेद व्यक्त किया कि गुजरात की बीजेपी सरकार अपने ख़ुद के ‘मॉडल स्कूल’ की सफलता की कहानी लोगों को नहीं बेंच पाई, और अब आप अपने स्कूल मॉडल के साथ तेज़ी से आगे निकल गई है’.

गुजरात बीजेपी महासचिव भार्गव भट्ट ने कहा, ‘हमारे यहां 42,000 स्कूल हैं जहां एक करोड़ छात्र पढ़ते हैं, जबकि दिल्ली में 1,600 स्कूल हैं जिनमें ‘मॉडल स्कूलों’ की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी. लेकिन वो (आप) अपने काम को एक सफलता की कहानी के तौर पर हर राज्य में बेंच रहे हैं’.

एक पार्टी पदाधिकारी ने पिछले सप्ताह बीजेपी बैठक में सुझाव दिया, कि ‘हमारे अपने स्कूल मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए अभी ज़्यादा देर नहीं हुई है’.

आप के बारे में कुछ नेताओं की चिंताओं को सुनने के बाद यादव ने उनसे कहा, कि ‘इस चुनाव में केजरीवाल की पार्टी को ज़्यादा गंभीरता से लेने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि उसके पास कोई प्रदेश नेता या मज़बूत संगठन नहीं है जिसके साथ वो बीजेपी से लड़ सके’.

यादव ने कथित तौर पर उनसे कहा, ‘बीजेपी बहुत अच्छे से जीत हासिल कर सकती है, अगर हम बूथ स्तर पर संगठन का अपना काम समय रहते पूरा कर लें’.

एक और पदाधिकारी ने महंगाई का मुद्दा उठाया और कहा: ‘हमने उन्हें (यादव) एक ज़मीनी फीडबैक दिया है कि लोग महंगाई के बारे में शिकायत कर रहे हैं, और इस पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है क्योंकि चुनाव नज़दीक आ रहे हैं’.

पदाधिकारी ने दिप्रिंट से बताया कि यादव ने बैठक में नेताओं को आश्वस्त किया, कि राज्य और केंद्र की सरकारें महंगाई को रोकने की कोशिश कर रही हैं.

पदाधिकारी ने आगे कहा, ‘हमारे पक्ष में सबसे अच्छी चीज़ ये है कि विपक्ष इस मुद्दे को उठाने के बारे में गंभीर नहीं है’.

प्रदेश बीजेपी के प्रमुख प्रवक्ता यमाल व्यास ने दिप्रिंट से कहा कि ‘आप की गुजरात यात्रा में दो बड़े अंतर हैं’.

उन्होंने कहा, ‘पहला ये कि राज्य के लोग मुफ्त उपहारों के उतने शौक़ीन नहीं हैं, जो दिल्ली और पंजाब में आप की राजनीति की ख़ासियत है. गुजराती लोग कारोबारी रुझान के होते हैं, जिन्हें एक ऐसा वातावरण चाहिए जो उनके व्यवसाय के विकास के अनुकूल हो’.

‘गुजरात को निवेश और विकास का केंद्र बनाने में पीएम का एक ठोस रिकॉर्ड रहा है. दूसरे, पंजाब के विपरीत गुजरात में आप के पास कोई ठोस नेतृत्व नहीं है. इसलिए वो राज्य के कुछ हिस्सों में सिर्फ कांग्रेस को नुक़सान पहुंचा सकते हैं, लेकिन बीजेपी को नहीं’.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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