मुंबई, 25 अप्रैल (भाषा) भाजपा ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से संबंधित निर्देशों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को महाराष्ट्र के गृह विभाग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया और पूछा कि क्या राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के पास इस पर कोई निर्णय लेने का अधिकार है जब बैठक में मुख्यमंत्री मौजूद न हों।
राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों के साथ बातचीत में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ मामला दर्ज को लेकर एमवीए सरकार की निन्दा की।
हनुमान चालीसा से संबंधित विवाद के बीच राणा दंपति के खिलाफ राजद्रोह, दुश्मनी को बढ़ावा देने और लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
फडणवीस ने आरोप लगाया कि मुंबई में जो कुछ भी हो रहा है वह मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) के इशारे पर हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा का पाठ करना राजद्रोह है तो हममें से हर कोई उस अपराध को करने के लिए तैयार है। लेकिन सरकार जिस तरह का व्यवहार कर रही है वह राज्य के लिए शर्मनाक है। हनुमान चालीसा का पाठ महाराष्ट्र में किया जाना चाहिए या पाकिस्तान में?’’ फडणवीस ने कहा कि लाउडस्पीकर मुद्दे पर उनकी पार्टी का रुख बहुत स्पष्ट है कि इस मामले में अदालतों द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
फडणवीस ने कहा, ‘‘पहले, हम पूरे नवरात्र में जागते थे, गरबा खेलते थे, भजन बजाते थे। गणेश चतुर्थी पर मध्यरात्रि तक कार्यक्रम होते थे। उच्चतम न्यायालय ने जैसे ही रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई, हमने उसका सख्ती से पालन किया। हम केवल 15 दिन इसका उपयोग करते हैं, जिसके लिए छूट प्राप्त है।’’
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना चाहिए।’
सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के कारण पर फडणवीस ने शनिवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं और राज्य के निर्दलीय विधायक रवि राणा तथा उनकी सांसद पत्नी नवनीत राणा के बीच हुई झड़प का जिक्र किया। राणा दंपति को शनिवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया था।
राणा दंपति ने इससे पहले उपनगरीय बांद्रा में स्थित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर 23 अप्रैल को हनुमान चालीसा पढ़ने का आह्वान किया था।
इस पर शिवसैनिकों द्वारा राणा के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि शनिवार को जब वह खार थाने पहुंचे जहां राणा दंपति को ले जाया गया था, तो उन पर शिवसेना के लोगों ने हमला किया और उनकी कार में तोड़फोड़ की गई।
भाजपा नेता ने पूछा कि अगर (सर्वदलीय) बैठक में मुख्यमंत्री मौजूद नहीं हैं तो गृह मंत्री क्या करेंगे?
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘यदि आप हिटलर के तरीकों का उपयोग करना चाहते हैं, तो हम संवाद पर संघर्ष को प्राथमिकता देंगे। यह हमारी मानसिकता बन गई है, इसलिए हमने बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है। अगर हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लोगों के सामने हमला किया जा रहा है, और फिर भी हमें प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो ऐसी बैठकों में शामिल होने का क्या फायदा है।’’
इस बीच, सर्वदलीय बैठक के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार के पास लाउडस्पीकर लगाने या हटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
भाषा नेत्रपाल उमा
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