लखनऊ, 24 अप्रैल (भाषा) पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गत शुक्रवार को अमेठी स्थित सरकारी आवास में फंदे से लटकी पायी गयीं पुलिस उपनिरीक्षक रश्मि यादव के लखनऊ स्थित आवास पर जाकर उनके परिजन से मुलाकात की। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख ने न्यायालय से जातिगत मानसिक उत्पीड़न की वजह से घटी इस घटना का संज्ञान लेने का आग्रह किया।
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि अखिलेश रविवार को लखनऊ में गोसाईंगज क्षेत्र के मलौली गांव स्थित रश्मि यादव के घर पहुंचे और उनके परिजन से मिलकर शोक जताया और संवेदना व्यक्त की।
अमेठी जिले के मोहनगंज थाने में तैनात दरोगा और महिला हेल्पडेस्क प्रभारी रश्मि यादव का शव संदिग्ध परिस्थितियों में थाना परिसर में बने सरकारी आवास के कमरे में फंदे से लटका मिला था।
अखिलेश ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि अमेठी में पिछड़ी जाति की एक महिला दरोगा को तथाकथित प्रभुत्ववादी जाति के पुलिस अधिकारियों द्वारा जातिगत मानसिक उत्पीड़न के बाद जिस तरह आत्महत्या करने पर बाध्य होना पड़ा, वह दुःखद एवं निंदनीय है। उन्होंने कहा कि न्यायालय इसका तत्काल संज्ञान ले और दोषियों को निलंबित कर जांच कराये।
उन्होंने कहा कि रश्मि को न्याय दिलाने के लिये सपा विधानसभा में सवाल उठायेगी। सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि शासन व्यवस्था में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जाति के अधिकारी एक कोने से दूसरे कोने तक बैठे हैं, और वे ही अन्याय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कानून-व्यवस्था का सारा ढांचा बर्बाद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि रश्मि को थाने पर उन्हें काफी राजनीतिक दबाव में काम करना पड़ रहा था। एक विशेष जाति का होने से उन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता था।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी पीड़ित परिवार को विधिक मदद देगी। उन्होंने कहा कि रश्मि को न्याय मिलना चाहिए, वह जातिवादी मानसिकता का शिकार बनीं।
अखिलेश ने कहा कि इलाहाबाद में एक परिवार में हत्या की दुःखद घटना हुई, लेकिन पुलिस सो रही है।
भाषा सलीम संतोष
संतोष
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