(तारिक सोफी)
पल्ली (सांबा), 24 अप्रैल (भाषा) अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सार्वजनिक उपस्थिति के मद्देनजर यहां उन्हें सुनने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।
हालांकि, मोदी ने दो बार -27 अक्टूबर, 2019 और तीन नवंबर, 2021 को – सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए जम्मू में राजौरी के सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया था।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, जितेंद्र सिंह और कपिल मोरेश्वर पाटिल के अलावा भाजपा सांसद जुगल किशोर ने कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा किया।
मोदी ने अपने दौरे के दौरान कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 20,000 करोड़ रुपये की कई विकास पहल की आधारशिला रखी। उन्होंने जल निकायों के विकास और कायाकल्प के उद्देश्य से अमृत सरोवर पहल की भी शुरुअात की।
प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान लोगों की भारी भीड़ उमड़ने के मद्देनजर आयोजकों ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश से पहुंचे कम से कम एक लाख लोगों को समायोजित करने के लिए विशाल क्षेत्र में व्यापक व्यवस्था की।
हालांकि, तकनीकी खराबी के कारण लोग उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मंत्रियों गिरिराज सिंह और जितेंद्र सिंह को नहीं सुन सके।
मोदी ने अपने 40 मिनट से अधिक लंबे भाषण की शुरुआत डोगरी में की और इस मौके पर इस भाषा और उसके लोगों की ”मीठा” करार दिया।
दर्शकों का उनके उत्साह के लिए आभार जताते हुए प्रधानमंत्री ने अगस्त 2019 के घटनाक्रम का उल्लेख किया और कहा कि जम्मू एवं कश्मीर ने तब से विकास के नये आयाम देखे हैं।
उल्लेखनीस है कि केंद्र ने पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख- में विभाजित कर दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”पहली बार, जम्मू-कश्मीर में त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली- ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला विकास परिषद (डीडीसी)- के चुनाव हुए हैं।”
देश की विकास यात्रा में केंद्र शासित प्रदेश के योगदान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगस्त 2019 के बाद से जम्मू एवं कश्मीर में 175 से अधिक केंद्रीय कानून लागू हो गए।
उन्होंने कहा, ”इसका सबसे बड़ा लाभ क्षेत्र की महिलाओं, गरीबों और वंचित वर्ग को मिल रहा है।”
वहीं, भीड़ के बीच मौजूद पहाड़ी भाषी लोगों का एक समूह समुदाय को ‘अनुसूचित जनजाति’ का दर्जा देने की मांग करते हुए नारे लगाते देखा गया, जबकि कई युवाओं ने ”मोदी, मोदी” के नारे लगाए।
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”यह समाज के सभी वर्गों के लोगों का अपने प्रधानमंत्री के लिए प्यार है। लोग तहेदिल से मोदी को प्यार करते हैं और उनका स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे हैं।”
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के तंगधार से आने वाली भाजपा की पहाड़ी कार्यकर्ता नसीमा ने कहा कि समुदाय को मोदी सरकार के शासन में अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने की उम्मीद है।
तंगधार से आये पंच सरताज ने कहा, ”हम यह भी चाहते हैं कि सरकार सीमावर्ती गांवों को आदर्श गांव में बदले। सीमा के दूसरी तरफ की सड़कें हमारी तुलना में अच्छी स्थिति में हैं… बेहतर सड़कों का निर्माण करके पाकिस्तान को एक संदेश देने की जरूरत है।”
पुंछ जिला विकास समिति के प्रमुख चौधरी अफजल गनी ने कहा कि सरकार को पंचायती राज संस्थाओं को पूरी तरह से सशक्त बनाने के लिए और अधिक कार्य करने की जरूरत है।
भाषा शफीक उमा
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