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Sunday, 29 September, 2024
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महाराष्ट्र: शरद पवार ने अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का किया उद्घाटन

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औरंगाबाद, 22 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के लातूर जिले के उदगीर में 95वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि साहित्य स्वतंत्र होना चाहिए, किसी भी विचारधारा से बंधा नहीं होना चाहिए और इसमें क्रांति लाने की शक्ति है, फ्रांसीसी क्रांति इसका एक उदाहरण है।

यहां से करीब 316 किलोमीटर दूर उदगीर में भारत रत्न लता मंगेशकर साहित्य नगरी में अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन हो रहा है।

पवार ने कार्यक्रम में कहा, “साहित्य से कई विचारधाराएं निकली हैं। विचारक क्रांति ला सकते हैं, जैसे फ्रांसीसी क्रांति इसका उदाहरण है। साहित्य मुक्त होना चाहिए और किसी भी विचारधारा से बंधा नहीं होना चाहिए। आज एक विशिष्ट विचार प्रक्रिया के लिए साहित्य को पोषक बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। यह अराजकता पैदा कर सकता है।”

उन्होंने कहा, “लेखकों, विचारकों को इसके बारे में पता होना चाहिए क्योंकि ऐसी चीजें राष्ट्रीय हित में बाधा बन सकती हैं। इतिहास पर लेखन शोध आधारित होना चाहिए, अन्यथा वे विवाद पैदा कर सकते हैं जो समाज में लंबे समय तक चल सकते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मेलन के अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को इस तरह से बदला जाना चाहिए कि पांच साल में कम से कम एक बार महिला अध्यक्ष मिले।

साहित्य सभा के अध्यक्ष भरत ससाणे ने कहा कि विचारक और लेखक फुसफुसा रहे थे कि इस समय गरीब और गरीब हो रहे हैं, जबकि अमीर और अमीर हो रहे हैं।

ससाणे ने कहा, “हालांकि, साहित्य से जुड़े लोगों को निडर होकर बोलना चाहिए। जिस दिन लोग बिना किसी डर के जीने लगेंगे, हम कह सकते हैं कि अच्छे दिन आ गए हैं।”

भाषा

प्रशांत मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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