बेंगलुरू, 22 अप्रैल (भाषा) एशियाई खेलों की पदक विजेता फर्राटा धाविका दुती चंद, तैराक श्रीहरि नटराज तथा निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर जैसे भारत के कुछ शीर्ष खिलाड़ी शनिवार से यहां शुरू हो रहे दूसरे खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में आकर्षण का केंद्र होंगे।
खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों का आयोजन कोविड-19 महामारी के कारण एक साल की देरी से हो रहा है। इसमें 200 से अधिक विश्वविद्यालयों के 4,000 से अधिक खिलाड़ी 20 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, मुक्केबाजी, तलवारबाजी, फुटबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, निशानेबाजी, तैराकी, टेनिस, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, कुश्ती और कराटे जैसे खेलों में कुल 257 स्वर्ण पदक दांव पर लगे होंगे।
इस बार खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों से स्वदेशी खेल मल्लखंब और योगासन को भी जोड़ा गया है।
खेलों का आयोजन बेंगलुरू के पांच स्थानों – जैन ग्लोबल यूनिवर्सिटी कैंपस (11 खेल), जैन स्पोर्ट्स स्कूल (बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और टेबल टेनिस), कांतीरवा स्टेडियम कॉम्प्लेक्स (बास्केटबॉल और एथलेटिक्स), फील्ड मार्शल करियप्पा हॉकी स्टेडियम और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (निशानेबाजी) में किया जाएगा।
नटराज मेजबान जैन विश्वविद्यालय का जबकि दुती केआईआईटी विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करेंगे। बैडमिंटन स्टार साई प्रतीक भी मेजबान विश्वविद्यालय की तरफ से खेलेंगे। इनके अलावा तीरंदाज तनीषा वर्मा और टेनिस खिलाड़ी लोहिताक्ष बद्रीनाथ भी प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल हैं।
लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के विकास वर्ग में शामिल जेसविन एल्ड्रिन (लंबी कूद), यशवीर (भाला फेंक), सैंड्रा बाबू (लंबी कूद), एंसी सोजन (लंबी कूद), अमन (कुश्ती), मधु वेदवान (रिकर्व तीरंदाजी), उन्नति (जूडो), विंका और सचिन सिवाच (मुक्केबाजी), मैसनम मीराबा और शिखा गौतम (बैडमिंटन) और ओइनम जुबराज (तलवारबाजी) भी इन खेलों में अपनी चुनौती पेश करेंगे।
नटराज ने कहा, ‘‘यह बहुत अच्छा है कि इस बार नये खेलों को जोड़ा गया है, विशेष रूप से स्वदेशी खेल जिन्हें हम प्रमुख प्रतियोगिताओं में नहीं देखते हैं। मैं इन खेलों को लेकर काफी उत्साहित हूं।’’
दुती ने कहा, ‘‘मैं खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों की वापसी से वास्तव में खुश हूं। देश भर के विश्वविद्यालयों के कई युवा खिलाड़ी इस साल प्रतिस्पर्धा करेंगे। इससे भविष्य के खिलाड़ी तैयार करने में मदद मिलेगी।’’
भाषा पंत आनन्द
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