मुंबई, 19 अप्रैल (भाषा) टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) ने उस नोटिस को वापस ले लिया है जिसमें इसने अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर सरकार विरोधी पोस्ट करने से मना किया था।
संस्थान के प्रवक्ता अजय अभयंकर ने कहा, “ नोटिस सोमवार को वापस ले लिया गया।”
परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के तहत आने वाले देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान टीआईएफआर ने शनिवार को कहा था कि नोटिस के शब्दों की ‘गलत व्याख्या’ की गई है जो उसके कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर किए जाने वाले पोस्ट में सरकार विरोधी बयान देने से प्रतिबंधित करता है।
नोटिस में कहा गया था… “संस्था या सरकार के खिलाफ सार्वजनिक आलोचना करने के लिए हमेशा पूर्व अनुमति की जरूरत होती है।”
टीआईएफआर ने कहा था, “ 13 अप्रैल 2022 को डीएई द्वारा जारी एक नोटिस के परिणामस्वरूप, टीआईएफआर के रजिस्ट्रार ने सभी टीआईएफआर कर्मचारियों को नोटिस जारी किया, जो संस्थान के परिसर की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने तथा व्हाट्सऐप, फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर किए जाने वाले पोस्ट में सरकार विरोधी बयान देने पर रोक लगाता है।”
इसने कर्मचारियों से आग्रह किया था कि वे इस बारे में अपने परिवार के सदस्यों को भी बताएं।
संस्थान ने कहा था, “नोटिस का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि पहले से मौजूद उपरोक्त दोनों नियम सोशल मीडिया के साथ-साथ अन्य मीडिया, जैसे टीवी या प्रिंट मीडिया पर भी लागू होते हैं। परिवार के सदस्यों और स्टाफ सदस्यों के आगंतुकों पर कोई नया प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है या लगाने का इरादा नहीं है। इसी बात को स्पष्ट करने के लिए यह नोट जारी किया जा रहा है।”
भाषा
नोमान नेत्रपाल
नेत्रपाल
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