नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया कि दो दिन पहले जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान हिंसा के सिलसिले में शहर पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये एक कथित नाबालिग को संबंधित किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया जाए।
कथित किशोर की भाभी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले में पक्षों को सभी कानूनी और तथ्यात्मक मुद्दे कानून के अनुसार सक्षम अधिकार-क्षेत्र वाली अदालत में उठाने की स्वतंत्रता होगी।
यात्रिकाकर्ता की वकील की ओर से तारा नरुला ने आरोप लगाया कि 16 अप्रैल से उनके देवर को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के प्रावधानों का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए उसकी आयु की उचित जानकारी के बिना गैरकानूनी हिरासत में और एक दिन की पुलिस हिरासत में रखा गया।
वकील ने दावा किया कि लड़के को आंख में चोट लगी है और उसे उच्च न्यायालय के समक्ष तत्काल पेश किया जाना चाहिए।
पीठ में न्यायमूर्ति रजीनश भटनागर भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि उसे किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष पेश करना होगा जो उसकी आयु का सत्यापन करेगा।
भाषा वैभव माधव
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