नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) ऑनलाइन भुगतान फर्म भारतपे की सबसे बड़ी शेयरधारक सिकोया कैपिटल ने रविवार को मौजूदा विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इरादतन कदाचार या धोखाधड़ी को लेकर उसका सख्त रुख जारी रहेगा।
सिकोया कैपिटल ने भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर को वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप में हटाए जाने के मामले का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया लेकिन उसने साफ शब्दों में कहा कि कोई भी गड़बड़ी साबित होने पर वह उसे तनिक भी बर्दाश्त नहीं करेगी।
अमेरिकी उद्यम पूंजी फर्म सिकोया ने एक ब्लॉग में कहा, ‘‘हम साबित कदाचार के मामले में थोड़ी भी सहनशीलता नहीं रखेंगे। हम कंपनी और कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने से गुरेज नहीं करेंगे, चाहे हमें इसकी वित्तीय रूप से कीमत ही चुकानी पड़े। जहां भी हमें जरूरी लगेगा, हम कड़े कदम उठाएंगे।’’
सिकोया कैपिटल ने कहा, ‘‘हाल में कुछ कंपनियों के संस्थापकों के खिलाफ कदाचार में लिप्त रहने या खराब प्रबंधन के आरोपों की जांच हुई है। इस तरह के आरोप काफी परेशान करने वाले हैं।’’
हालांकि भारतपे में 19.6 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली सिकोया ने यह नहीं बताया कि बाहरी ऑडिट में कामकाज से जुड़ी गंभीर खामियां पाए जाने के बाद ग्रोवर को सभी पदों से हटाने पर उसकी तरफ से जोर दिया गया था या नहीं।
दुकानदारों को क्यूआर कोड के जरिये डिजिटल भुगतान स्वीकार करने की सुविधा देने वाली फर्म भारतपे ने वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगने के बाद पहले ग्रोवर की पत्नी माधुरी जैन को हटाया था। फिर ग्रोवर ने भी दबाव बढ़ने के बाद इस्तीफा दे दिया था। लेकिन कंपनी के निदेशक मंडल ने उन्हें सह-संस्थापक समेत सभी पदों से बर्खास्त कर दिया था।
हालांकि ग्रोवर लगातार इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने भारतपे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं चेयरमैन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
इन विवादों के बीच भारतपे के निवेशक सिकोया ने कहा कि वह कंपनी को टिकाऊ बनाने के लिए संस्थापकों की लंबी भूमिका के पक्ष में रही है। सिकोया कैपिटल ने कहा, ‘‘हम टिकाऊ होने पर बल देते हैं और सिर्फ दिखावे वाले तौर-तरीकों को हतोत्साहित करते हैं।’’
बायजू से लेकर कैफे कॉफी डे और ग्रोफर्स जैसी फर्मों में निवेश करने वाली सिकोया ने कहा, ‘‘हम अमूमन मुश्किल दौर में कंपनियों के संस्थापकों के साथ खड़े रहते हैं। लेकिन कुछ खास मौकों पर हमें निराशा भी हाथ लगती है। हमारे लिए सबसे बुरा समय होता है जब हम कंपनी में कामकाजी नैतिकता एवं निष्ठा को चोट पहुंचते हुए देखते हैं। इससे हमें काफी गहरी पीड़ा होती है। और इस समय हम इस बारे में बात कर रहे हैं।’’
सिकोया ने अपने ब्लॉग में कहा है कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी में ऐसे प्रावधान किए जाने की जरूरत है कि गड़बड़ी करने वाले कुछ संस्थापक बड़ा नुकसान पहुंचाने की स्थिति में न आ सकें। उसने कहा कि अब बेहतर कामकाज कर पाने के तरीकों में सुधार का वक्त आ गया है।
उद्यम पूंजी फर्म ने कहा कि वह इस क्षेत्र में लंबे समय से है और निष्ठा के सवाल पर उसका रुख हमेशा सख्त रहा है। सिकोया ने कहा, ‘‘हम इस पारिस्थितिकी के एक जिम्मेदार भागीदार के तौर पर सक्रियता से कदम उठाएंगे और अपनी कंपनियों में नियमों के अनुपालन के लिए पूरा जोर लगाएंगे।’’
भाषा प्रेम मानसी
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